Maha Kumbh 2025 : आज से दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेले महाकुंभ 2025 (Maha Kumbh 2025) का भव्य शुभारंभ हो गया है।
आज से लेकर 26 फरवरी 2025 तक रोजाना लाखों की संख्या में हिंदू (Hindu) धर्म में आस्था रखने वाले श्रद्धालु संगम नदी में आस्था की डूबी लगाएंगे।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कुंभ में स्नान करने से पिछले सारे पाप धुल जाते हैं और मृत्यु के बाद मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
इसी वजह से सनातन धर्म में आस्था रखने वाले अपने जीवन में एक बार कुंभ स्नान लाभ अवश्य लेना चाहते हैं। इस आयोजन में देश-विदेश से 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है।
शाही स्नान की तिथियां
महाकुंभ के दौरान विशेष शाही स्नान की परंपरा का पालन किया जाता है। जिनमें नागा साधु (Naga Sadhu) सबसे पहले संगम में स्नान करते हैं, इसके बाद आम श्रद्धालुओं को स्नान का अवसर मिलता है।
मान्यता है कि इन तिथियों पर स्नान करने से जीवन में पुण्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस बार शाही स्नान (Sahi Snan) की 6 तिथियां निर्धारित हैं।
3 जनवरी 2025 – पौष पूर्णिमा
14 जनवरी 2025 – मकर संक्रांति
29 जनवरी 2025 – मौनी अमावस्या
3 फरवरी 2025 – वसंत पंचमी
12 फरवरी 2025 – माघ पूर्णिमा
26 फरवरी 2025 – महाशिवरात्रि
महाकुंभ का महत्व
सनातन धर्म में महाकुंभ को आत्मशुद्धि और मोक्ष प्राप्ति का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है।
हर 12 वर्षों में आयोजित होने वाले इस महापर्व का महत्व 144 वर्षों बाद पूर्ण महाकुंभ के आयोजन के कारण इस बार और भी बढ़ गया है।
संगम पर आस्था और सुरक्षा
सरकार और स्थानीय प्रशासन ने कुंभ के दौरान सुरक्षा और व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए हैं। हर दिन लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ को व्यवस्थित करने के लिए विशेष योजनाएं बनाई गई हैं।
संगम क्षेत्र में स्नान और दर्शन के लिए अलग-अलग मार्ग, हेल्प डेस्क, और मेडिकल सुविधा केंद्र स्थापित किए गए हैं।