High Court issued Instructions: झारखंड हाईकोर्ट ने शहरी निकाय चुनाव (Urban Body Elections) कराने को लेकर दाखिल अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को चार महीने के भीतर चुनाव कराने का सख्त निर्देश दिया है।
गुरुवार को न्यायमूर्ति आनंदा सेन की अदालत में सुनवाई के दौरान राज्य की मुख्य सचिव भी उपस्थित हुईं। अदालत ने उन्हें अगली सुनवाई में उपस्थित होने से छूट दी है।
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने जताई थी नाराजगी
बताते चलें इससे पहले सोमवार को हुई सुनवाई में राज्य सरकार ने अदालत को बताया था कि निकाय चुनाव ट्रिपल टेस्ट प्रक्रिया पूरी करने के बाद कराए जाएंगे।
इस पर कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने साफ कहा है कि ट्रिपल टेस्ट के बिना भी चुनाव कराए जा सकते हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि ट्रिपल टेस्ट की आड़ में चुनाव टालना अदालत की अवमानना है।
निवर्तमान पार्षद की याचिका पर सुनवाई
राज्य में नगर निगम और शहरी निकाय चुनाव (Municipal Corporation and Urban Body Elections) जल्द कराने की मांग को लेकर निवर्तमान पार्षद रोशनी खलखो ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की थी। अदालत ने इसे गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार को समयबद्ध चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करने का आदेश दिया है।
क्या है ट्रिपल टेस्ट प्रक्रिया?
ट्रिपल टेस्ट प्रक्रिया (Triple Test Procedure) के तहत पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षण तय करने के लिए तीन चरणों में डेटा संग्रह और विश्लेषण किया जाता है। हालांकि, अदालत ने स्पष्ट किया कि इस प्रक्रिया के नाम पर चुनाव में देरी करना अस्वीकार्य है।