Jaya Kishori In Mhakumbh: महाकुंभ मेला (Maha Kumbh Mela) 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक चलेगा। यह आयोजन हर 12 वर्षों में होता है, जिसमें संगम के पवित्र जल में स्नान से पापों का नाश और आत्मा की शुद्धि मानी जाती है।
प्रयागराज के संगम तट पर आयोजित महाकुंभ 2025 में देशभर से आए करोड़ों श्रद्धालुओं के बीच प्रसिद्ध आध्यात्मिक वक्ता और मोटिवेशनल स्पीकर जया किशोरी ने पवित्र डुबकी लगाई।
इस अवसर पर उन्होंने युवाओं से महाकुंभ में भाग लेने और संगम में स्नान का अनुभव प्राप्त करने की अपील की। जया किशोरी ने पहली बार संगम में अमृत स्नान करने के अपने “अद्भुत” अनुभव को भी साझा किया।
एक इंटरव्यू में जया किशोरी (Jaya Kishori) ने महाकुंभ में संगम में स्नान करने के अनुभव को “शांति, आनंद और आंतरिक ऊर्जा” प्रदान करने वाला बताया।
उन्होंने कहा कि स्नान से पहले उनके मन में उत्साह और घबराहट का मिश्रित अनुभव था, लेकिन जैसे ही उन्होंने पवित्र डुबकी लगाई, उनका सारा तनाव समाप्त हो गया।
जया किशोरी ने कहा, “आप अंदर से शांति महसूस करते हैं। आपको एक अलग तरह की ऊर्जा महसूस होती है, जो सकारात्मक होती है। मेरा मानना है कि आज का युवा इसी शांति और ऊर्जा की तलाश में है।
जया किशोरी ने युवाओं को दी महाकुंभ में शामिल होने की प्रेरणा, कहा: “सच्चा आनंद पाने के लिए आएं”
प्रसिद्ध आध्यात्मिक वक्ता और मोटिवेशनल स्पीकर जया किशोरी ने युवाओं से महाकुंभ जैसे आयोजनों में शामिल होने की अपील की। उन्होंने कहा कि आज का युवा स्थायी खुशी चाहता है और इसके लिए शास्त्रों में वर्णित “आनंद” का अनुसरण करना चाहिए।
जया किशोरी ने बताया, “अगर आप सच्चा आनंद चाहते हैं, तो महाकुंभ जैसे आयोजनों में शामिल हों। यह अनुभव न केवल सकारात्मक होता है बल्कि आत्मा को भी समृद्ध करता है।
महाकुंभ 2025: दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन, 45 करोड़ श्रद्धालुओं की उम्मीद
महाकुंभ 2025, जो 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक चलेगा, दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है। हर 12 वर्षों में आयोजित होने वाले इस महा आयोजन में श्रद्धालु संगम के पवित्र जल में स्नान कर पापों का नाश और आत्मा की शुद्धि मानते हैं। इस बार 45 दिनों तक चलने वाले महाकुंभ में लगभग 45 करोड़ लोगों के शामिल होने की उम्मीद है।
जया किशोरी ने भौतिकवाद और अध्यात्म के संतुलन पर दिया संदेश, कहा- “पैसा आपको न खरीद ले”
पिछले साल अक्टूबर में जया किशोरी को 2 लाख रुपये के कस्टम डिओर “बुक टोट” बैग ले जाने के लिए आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। हालांकि, उन्होंने इसे भौतिकवाद और अध्यात्म का संतुलन बताते हुए भगवद्गीता में अर्जुन का उदाहरण दिया।
जया किशोरी ने कहा, “भगवद्गीता में कहीं नहीं कहा गया है कि सबकुछ त्याग दो। अर्जुन को अपने धर्म का पालन करते हुए लड़ाई लड़ने के लिए सिखाया गया था। अगर आप विद्यार्थी हैं, तो आपका धर्म पढ़ाई करना है। पैसे कमाना गलत नहीं है, लेकिन यह जरूर देखना चाहिए कि पैसा आपको न खरीद ले।”
मार्च 2024 में जया किशोरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘बेस्ट क्रिएटर अवार्ड फॉर सोशल चेंज’ (Best Creator Award for Social Change) से सम्मानित किया गया था। उन्हें आधुनिकता और अध्यात्म के समन्वय के लिए सराहा गया।