रांची: झारखंड की शिक्षा व्यवस्था संभालने में पारा शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है, वहीं अब पारा शिक्षकों को वेतनमान, स्थायीकरण देने में हो रही देरी का अब एक-एक पल भी बहुत ज्यादा लग रहा है। कहीं न कहीं विभागीय प्रक्रिया सुस्त रहने के कारण उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
उनका कहना है कि मानदेय नहीं मिलने से शिक्षकों की तंगहाली बढ़ती जा रही है। गौरतलब है कि ये शिक्षक राज्य के सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा तक पढ़ाते हैं। और मानदेय के अलावा किसी किस्म की सुविधा उन्हें नहीं मिलती।
पारा शिक्षक अब बकाया मानदेय से लेकर जितना भी फंसा हुआ है मामला है सभी का निदान करने की मांग की। उनका कहना है सरकार शीघ्र वादा पुरा करते हुए हम सबों की मांग को पूरा किया जाए।
आज होगी कल्याण कोष की पहली आमसभा, दिया गया समय
आज की बैठक को लेकर झारखंड शिक्षा परियोजना द्वारा पत्र जारी कर दिया गया है। आमसभा तीन बजे से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में प्रोजेक्ट भवन सभागार में होगी।
राज्य के पारा शिक्षक, बीआरपी सीआरपी और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के शिक्षकों और कर्मियों के लिए गठित कल्याण कोष की पहली आमसभा आज होगी।
यह कल्याण कोष पारा शिक्षकों, प्रखंड और संकुल साधन सेवी, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मियों के लिए बना है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में प्रोजेक्ट भवन में यह आम सभा होगी।
इन संविदा कर्मियों की सेवा के दौरान मृत्यु होने पर पांच लाख तक की राशि परिजनों को देने से लेकर असाध्य रोग के इलाज के लिए एक लाख, दो बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए अधिकतम दो लाख और दो बेटियों की शादी के लिए डेढ़ लाख तक राशि देने पर मुहर लगाई जाएगी।
इधर इस बैठक को लेकर एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा की राज्य इकाई गंभीर है। पारा शिक्षक संघ ने अपने सभी अगुवा साथियों को रांची बुलाया है, सभी आज रांची पहुंच भी गए हैं।
रांची प्रोजेक्ट बिल्डिंग के समक्ष 11 बजे उपस्थित रहने का आग्रह किया था, ताकि वर्षों के संघर्ष का परिणाम देखा जा सके।
साथ ही मोर्चा के ने ये भी तय किया है कि अगर सरकार हमारी मांगों को पूरा करने से मुकरती है तो आगे की क्या रणनीति होगी इस पर भी फैसला यहीं से लिया जा सके।
सभी से एकजुटता का आह्वान
इधर, एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने अपने सभी टेट उत्तीर्ण, प्रशिक्षित एवं अप्रशिक्षित तमाम पारा शिक्षकों से एकजुट रहने का आग्रह किया है।
साथ ही कई मुद्दों पर फैलाये जा रहे भ्रम को भी दूर किया है। कहा गया है कि कुछ साथियों का आरोप है कि मोर्चा ने अप्रशिक्षित पारा शिक्षकों को हटाने की संवैधानिक सहमति दी है, तो यह गलत आरोप है एवं पूर्व की सरकार की साजिश का हिस्सा है।
वो एक प्रेस विज्ञप्ति थी जिसका हमलोगों ने प्रतिकार किया है। हमलोग सभी को मानदेय मिले इसके लिए प्रयासरत हैं।
सरकार से क्या चाहता है मोर्चा
- राज्य के सभी 65 हजार पारा शिक्षकों का स्थायीकरण एवं वेतनमान।
- प्रशिक्षित पारा शिक्षकों के लिए 100 में 30 अंकों वाली आकलन परीक्षा अथवा सरकार के किसी भी हालत में आकलन नहीं मानने पर सीमित टेट” जिसमें सभी प्रशिक्षित पारा शिक्षक शामिल हो सकें (न्यूनतम अंक या उम्र की बाध्यता के कारण परीक्षा में शामिल होने से वंचित नहीं हो सकें)।
- यहां ये उद्धृत करना आवश्यक है कि टेट उत्तीर्ण पारा शिक्षकों के लिए बगैर किसी अन्य परीक्षा के वेतनमान पर सरकार सहमत है।
- सभी अप्रशिक्षित एवं एनसी अंकित पारा शिक्षकों के बकाए मानदेय का भुगतान (लगभग 11 सौ एनसी क्लियर का भुगतान हो चुका है शेष पर संघर्ष जारी)
- पलामू के छतरपुर एवं नौडीहा बाजार प्रखंड के 436 पारा शिक्षकों के बकाए एवं नियमित मानदेय का भुगतान (6 माह का भुगतान 3 माह पूर्व हो चुका है, 4 माह का प्रक्रियाधीन)
- टेट विसंगति का वर्धित मानदेय भुगतान।
- राज्य के हजारों पारा शिक्षकों के पूर्व के वित्तीय वर्षों का बकाया भुगतान (बायोमेट्रिक, शून्य उपस्थिति एवं अन्य कई विभागीय कारणों के कारण)
- आंदोलन के क्रम में रांची एवं राज्य के अन्य थानों में पारा शिक्षकों तथा उनके परिजनों पर दर्ज मुकदमों को वापस लिया जाए।
कल्याण कोष की बैठकों में दिया प्रस्ताव
- पारा शिक्षकों की मृत्यु पर न्यूनतम 5 लाख एवं प्रतिवर्ष 10% की वृद्धि।
- सेवा निवृत्ति पर न्यूनतम 5 लाख (एकमात्र कटौती 200 रुपये पर भी) एवं प्रतिवर्ष 10% की वृद्धि।
- असाध्य बीमारी की स्थिति में व्यय होने वाली राशि के बराबर सहयोग राशि।
- पुत्री की शादी एवं पुत्र पुत्रियों के उच्च शिक्षा हेतु न्यूनतम 3 लाख रुपये का बिना ब्याज लोन।
- सेवानिवृति के पश्चात मासिक पेंशन।