तिरुवनंतपुरम: कर्नाटक में केरल के एंट्री पॉइंट्स के करीब रहने वाले लोगों के लिए कर्नाटक सरकार के एक निर्णय ने मुश्किल पैदा कर दी है। अधिकारियों ने सोमवार को वायनाड और कासरगोड जिले से प्रवेश करने वाले 13 पॉइंट्स को बंद करने का फैसला लिया है।
इन खुली बॉर्डर्स के दोनों ओर रहने वाले लोग अपनी विभिन्न जरूरतों के लिए आसानी से दोनों राज्यों में आवाजाही करते रहते हैं। इनमें खासतौर पर किसान समुदाय के वो लोग शामिल हैं, जिनकी या तो कर्नाटक में जमीन है या उन्होंने वहां पर लीज पर जमीन ली हुई है। बता दें कि केंद्र में अभी करीब 58 हजार सक्रिय मामले हैं।
कर्नाटक के अधिकारियों द्वारा लिए गए इस फैसले को अनुचित करार देते हुए कासरगोड विधानसभा क्षेत्र के वरिष्ठ विधायक एन.ए. नेलिकनुन्नु ने कहा है कि यह केंद्र के दिशा निर्देशों का उल्लंघन है।
विपक्ष के इन वरिष्ठ विधायक ने कहा, हमें पता चला है कि केरल से यात्रा कर कर्नाटक में प्रवेश करने वाले लोगों से अधिकारी आरटी-पीसीआर टेस्ट कराने के लिए कह रहे हैं।
जबकि केरल के लोग सभी कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन कर रहे हैं, मास्क लगा रहे हैं और उन्होंने कर्नाटक में कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन भी नहीं किया है।
ऐसे में इस तरह के प्रतिबंध लगाने का क्या औचित्य है। हम मांग करते हैं कि केरल सरकार इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करे।
संयोग से कर्नाटक के इस निर्णय से कुछ घंटों पहले ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केरल में भाजपा की राज्यव्यापी यात्रा को पूरे उत्साह से हरी झंडी दिखाई थी।
इस मौके पर भाजपा के केरल राज्य इकाई के अध्यक्ष के . सुरेन्द्रन ने कहा था, आज पूरी दुनिया में केरल की हंसी उड़ाई जा रही है क्योंकि यहां लगातार कोविड-19 महामारी बढ़ रही है।
सीमाएं बंद करने के निर्णय को लेकर सुरेन्द्रन ने कहा कि केरल में मामलों की संख्या लगातार बढ़ते देखकर कर्नाटक ने एहतियात के तौर पर यह कदम उठाया है।
ऐसे लोग जिन्हें इस निर्णय की जानकारी नहीं थी उन्हें वायनाड जिले के एंट्री पॉइंट्स पर कर्नाटक के अधिकारियों ने रोक दिया।
इसे लेकर वायनाड निवासी ने कहा, सीमाओं को बंद करने के अचानक लिए गए इस निर्णय की हमें जानकारी नहीं थी। अब अधिकारी हमें आरटी-पीसीआर टेस्ट कराने के लिए कह रहे हैं।