Firing on Anant Singh in Mokama: बिहार में एक बार फिर गैंगवार और जंगलराज (Gang war and Jungle Raj) की शुरुआत होती दिख रही है। यहां पूर्व विधायक और बाहुबली नेता अनंत सिंह पर ताबड़तोड़ फायरिंग हुई है।
जिसमें वे बाल बाल बच गए।मोकामा के पंचमहला थाना क्षेत्र स्थित नौरंगा-जलालपुर गांव में बुधवार को अनंत कुमार सिंह (Anant Kumar Singh) के समर्थकों और अपराधी सोनू-मोनू गिरोह के बीच जमकर गोलीबारी हुई।
अनंत सिंह (Anant Singh) के एक समर्थक उदय यादव को गले में गोली लगी है। पटना के एक निजी अस्पताल में उसे भर्ती कराया गया है। घटना के बाद नौरंगा गांव पुलिस छावनी में तब्दील है। बाढ़ क्षेत्र के DSP गांव में कैंप कर रहे हैं।
अनंत सिंह को घर पर देख दोनों भाइयों ने फायरिंग शुरू कर दी। बाढ़ DSP Rakesh Kumar ने सोनू-मोनू के घर पर ही फायरिंग की बात स्वीकार की।
पुलिस ने मौके से तीन खोखे भी बरामद किए हैं। फिलहाल गांव में तनाव बना हुआ है। कई थानों की पुलिस घटनास्थल पर कैंप कर रही है। पुलिस की मानें तो जिस घर पर गोली चली है उसके मालिक की लिखित शिकायत पर पुलिस कार्रवाई करेगी।पूर्व विधायक अनंत सिंह कई गाड़ियों से अपने समर्थकों के साथ नौरंगा-जलालपुर गांव पहुंचे थे।
आरोप है कि अनंत सिंह को अपने घर पर आता देख सोनू- मोनू गोलियां चलाने लगे। यह देख अनंत सिंह के समर्थकों ने बचाव में जवाबी फायिरंग की। गोलीबारी के दौरान आसपास के ग्रामीण घरों में छिप गये। गोलीबारी खत्म होने के बाद पूर्व विधायक बाढ़ के लिए रवाना हो गये। वहीं फायरिंग थमते ही ग्रामीणों की भीड़ सड़क पर उतर गई।
AK-47 मामले में 10 साल की जेल की सजा
पूर्व विधायक और सोनू-मोनू गिरोह के बीच फायरिंग (Firing) की खबर मिलते ही मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई। बाढ़ डीएसपी के अलावा कई थानेदार मौके पर मौजूद थे।
पुलिस ग्रामीणों से पूछताछ कर रही है। जांच पूरी होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।बता दें कि अनंत सिंह दबंग छवि के नेता और इलाके के जाने-माने बाहुबली हैं।
उनके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हो चुके हैं। साल 2022 में उन्हें AK-47 मामले में 10 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद उन्हें पटना के बेऊर जेल भेजा गया था।
जुलाई 2022 में उनकी विधायकी रद्द हो गई थी। इसके बाद मोकामा में हुए उपचुनाव में उनकी पत्नी नीलम देवी ने जीत दर्ज की थी। पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) ने पिछले साल एके-47 केस में अनंत सिंह को बरी कर दिया था। इसके बाद वे जेल से बाहर आ गए थे।