Major change in American Foreign Policy: डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने फिर अमेरिकी विदेश नीति में बड़ा बदलाव कर यमन के हूती संगठन को आतंकवादी संगठन घोषित किया है।
यह फैसला राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) की ओर हूती को आतंकवादी संगठन की सूची से हटाने के फैसले के बाद पलट दिया गया है। अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज़ ने फैसले के बारे में जानकारी दी है।
उन्होंने लिखा कि हूती एक आतंकवादी हैं, जिन्होंने महीनों तक अमेरिकी नौसेना, अंतरराष्ट्रीय शिपिंग और इजरायल के खिलाफ हमले किए हैं।
दरअसल हूती संगठन ने हाल के महीनों में अमेरिकी नौसेना और अंतरराष्ट्रीय शिपिंग (US Navy and international shipping) पर हमले किए हैं। साथ ही, इज़राइल और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए भी संगठन एक बड़ा खतरा बन गया है।
बाइडेन प्रशासन ने हूती को आतंकवादी संगठन की सूची से हटाया था ताकि यमन में शांति वार्ता और मानवीय सहायता में रुकावट न आए।
वहीं ट्रंप ने फैसले को सुरक्षा के लिए खतरा बताकर पलटते हुए हूती को फिर विदेशी आतंकवादी संगठन (एफटीओ) के रूप में मान्यता दे दी।
बढ़ सकता है सऊदी अरब और ईरान के बीच संघर्ष
हूती ने सऊदी अरब और इजरायल पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए हैं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय शिपिंग मार्गों और अमेरिकी संपत्तियों को भी निशाना बनाया है।
वहीं हूती को आतंकवादी संगठन घोषित करने से यमन में सऊदी अरब और ईरान के बीच संघर्ष और बढ़ सकता है। हालांकि, ट्रंप के फैसले का उद्देश्य अमेरिकी नौसेना और अंतरराष्ट्रीय शिपिंग को सुरक्षित करना है, जो हाल के हमलों से प्रभावित हुए हैं।
वहीं ट्रंप समर्थकों और सुरक्षा विशेषज्ञों ने कदम की सराहना की है। उनका मानना है कि यह क्षेत्रीय स्थिरता और अमेरिकी सुरक्षा के लिए जरूरी था। वहीं मानवाधिकार संगठनों और कुछ विशेषज्ञों ने फैसले को मानवीय सहायता के लिए बाधा बताया है। संगठनों का कहना है कि यह यमन के नागरिकों को और अधिक संकट में डाल सकता है।