ISRO 100th Mission : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है।
आज बुधवार की सुबह आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (Satish Dhawan Space Center) से GSLV-F15 रॉकेट के जरिए नेविगेशन सैटेलाइट NVS-02 का सफल प्रक्षेपण किया गया।
यह ISRO का 100वां मिशन था, जो भारतीय अंतरिक्ष इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ है।
GSLV-F15 की सफल उड़ान
रॉकेट ने सुबह 6:23 बजे उड़ान भरी और सैटेलाइट को सफलतापूर्वक उसकी निर्धारित कक्षा में स्थापित कर दिया।
इस मिशन की सफलता की जानकारी ISRO ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर साझा की। ISRO ने लिखा, “GSLV-F15 ने सफलतापूर्वक उड़ान भरी और NVS-02 को उसकी निर्धारित कक्षा में भेज दिया।”
इस ऐतिहासिक सफलता पर ISRO के अध्यक्ष वी. नारायणन ने खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा, “यह मिशन हमारे वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की मेहनत का परिणाम है। ISRO इस उपलब्धि के साथ एक नया अध्याय जोड़ रहा है।”
भारतीय नेविगेशन सिस्टम को मिलेगी मजबूती
NVS-02 सैटेलाइट भारतीय क्षेत्रीय नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (IRNSS) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
इसकी मदद से 1500 किलोमीटर के दायरे में उच्च सटीकता वाली स्थिति, गति और समय सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
NVS-02 उपग्रह L1 फ्रीक्वेंसी बैंड से लैस है, जो इसकी सेवाओं की विश्वसनीयता और सटीकता को और अधिक बढ़ाएगा। इस मिशन के जरिए भारत अपनी स्वदेशी नेविगेशन तकनीक को और मजबूत करेगा।
GSLV-F15 की यह उड़ान, GSLV-F सीरीज की 17वीं और स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन के साथ 11वीं उड़ान थी।