USAID : अमेरिका ने उस तिजोरी पर ताला लगा दिया है, जिससे पाकिस्तानी आतंकियों को पैसे मिलते थे। जी हां, अमेरिका ने USAID यानी US Agency for International Development को बंद कर दिया है। अमेरिकी एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट वही संगठन है, जो पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को परोक्ष रूप से फंड देता था।
जी हां, USAID ने साल 2019 में आतंकवादी हाफिज सईद के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयब्बा को 110,000 डॉलर की मदद दी थी। लश्कर-ए-तैयब्बा वही आतंकी संगठन है, जिसने बार-बार भारत को निशाना बनाया है। उसने ही 26/11 के मुंबई हमलों को अंजाम दिया था। USAID इन दिनों डीओजीई हेड एलन मस्क के निशाने पर था।
दरअसल, लेखक और Researcher अमजद ताहा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में बताया कि यूएसएआईडी ने दक्षिण एशिया के उन संगठनों को लगभग 110,000 डॉलर की फंडिंग दी, जिनके कथित तौर पर आतंकी समूहों से संबंध हैं।
लश्कर के मुखौटे के रूप में काम करता था एफआईएफ
दरअसल, ऐसा ही एक संगठन था हेल्पिंग हैंड फॉर रिलीफ एंड डेवलपमेंट (एचएचआरडी)। मिशिगन का यह चैरिटी संगठन पाकिस्तान के फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (एफआईएफ) से जुड़ा हुआ था। अमेरिका ने एफआईएफ को आतंकवादी संगठन घोषित कर रखा है।
मुंबई हमलों से कनेक्शन
फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन यह पैसा लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का मुखौटा संगठन है। अमेरिकी एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट से FIF को जो पैसा मिलता था, वह सीधे लश्कर के पास पहुंचता था। इसका इस्तेमाल सईद हाफिज आतंकी वारदातों को अंजाम देने के लिए करता था।एफआईएफ पाकिस्तान के लाहौर से चलता था। 2008 के मुंबई हमलों से उसका सीधा कनेक्शन है।