Organized Criminal Gang : झारखंड में सक्रिय संगठित आपराधिक गिरोहों के खिलाफ पुलिस ने कमर कस ली है। कड़ा Action Plan तैयार कर लिया गया है, जिसके तहत 10 से 30 लाख रुपये तक का इनाम घोषित किया जाएगा।
Jharkhand Police Headquarters ने एक करोड़ रुपये के इनाम का प्रस्ताव गृह विभाग को भेजा था, जिसे गृह विभाग ने मंजूरी के लिए विधि और वित्त विभाग के पास भेज दिया था। विधि विभाग से हरी झंडी मिलने के बाद अब वित्त विभाग इस प्रस्ताव पर मंथन कर रहा है।
10 से 30 लाख रुपये तक होगा इनाम
राज्य में दर्जनों संगठित अपराधी गिरोह सक्रिय हैं, जिनका नेटवर्क झारखंड के अलावा Bihar, Bengal, Odisha, Chhattisgarh और Uttar Pradesh तक फैला है। सात कुख्यात अपराधियों पर इनाम घोषित करने की रणनीति बनाई गई है, जिससे जनता की मदद से उनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित की जा सके।
किन अपराधियों पर कितना इनाम?
1. प्रिंस खान (धनबाद गिरोह) – ₹30 लाख
2. डब्ल्यू सिंह – ₹20 लाख (40 मामले दर्ज)
3. गोपी खान (प्रिंस खान गिरोह) – ₹20 लाख (दो दर्जन मामले दर्ज)
4. बबलू उर्फ भरत नारायण (पांडेय गिरोह) – ₹10 लाख (8-10 मामले दर्ज)
5. विकास साव (पांडेय गिरोह) – ₹10 लाख
झारखंड में कौन-कौन से गिरोह सक्रिय?
रांची, लातेहार, रामगढ़, चतरा, हजारीबाग – अमन साहू गिरोह
धनबाद, बोकारो – प्रिंस खान गिरोह
हजारीबाग, रामगढ़ – विकास तिवारी और अमन श्रीवास्तव गिरोह
जमशेदपुर – अखिलेश सिंह गिरोह
इन गिरोहों में झारखंड के अलावा बिहार, बंगाल, ओडिशा और छत्तीसगढ़ के अपराधी भी शामिल हैं। बिहार के 153, बंगाल के 74, ओडिशा के 10 और छत्तीसगढ़ के 10 अपराधी वांछित हैं।
जेलों में मोबाइल फोन पर प्रतिबंध जरूरी
झारखंड में 31 जेलों में कई संगठित अपराधी बंद हैं, जो जेल के अंदर से ही रंगदारी और हत्याओं को अंजाम दे रहे हैं। पुलिस का मानना है कि Mobile Phone के इस्तेमाल पर पूरी तरह रोक लगाने से इन अपराधों पर लगाम लगाई जा सकेगी।
वित्त विभाग की मंजूरी मिलते ही इनामी राशि की आधिकरिक घोषणा कर दी जाएगी, जिससे इन अपराधियों की गिरफ्तारी में तेजी आएगी।