Ranchi Civil Court: खूंटी मनरेगा घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में अभियुक्त जय किशोर चौधरी ने सोमवार को रांची PMLA (Prevention of Money Laundering Act) की विशेष अदालत में सरेंडर कर दिया।
हालांकि, कोर्ट ने उन्हें एक लाख रुपये के बॉन्ड पर जमानत दे दी, जिससे उन्हें बड़ी राहत मिली है।
ED ने लगाया करोड़ों के घोटाले में शामिल होने का आरोप
जय किशोर चौधरी खूंटी में कार्यपालक अभियंता के रूप में कार्यरत थे, जब मनरेगा घोटाला हुआ। ईडी की जांच में पाया गया कि वह घोटाले में शामिल थे, जिसके चलते उन्हें प्रॉसिक्यूशन कंप्लेन में आरोपी बनाया गया। इसके बाद से उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही थी।
कोर्ट से जमानत मिलने से राहत
जय किशोर चौधरी की ओर से अधिवक्ता अनिल कुमार कंठ ने बहस की, जिसके बाद कोर्ट ने एक लाख के निजी मुचलके पर उन्हें जमानत दे दी।
इससे पहले, ईडी ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग केस में आरोपी के रूप में नामित किया था और उनकी संपत्तियों की जांच कर रही थी।
क्या है खूंटी मनरेगा घोटाला?
खूंटी जिले में मनरेगा फंड के करोड़ों रुपये के गबन का मामला सामने आया था। ईडी की जांच में पाया गया कि सरकारी राशि का भारी मात्रा में दुरुपयोग हुआ।
इस मामले में कई अधिकारी और कर्मचारी जांच के घेरे में हैं।
आगे क्या होगा?
हालांकि जय किशोर चौधरी को फिलहाल राहत मिल गई है, लेकिन ईडी की जांच अभी जारी है। अगर आगे कोई नया सबूत सामने आता है तो उनके खिलाफ फिर से कानूनी कार्रवाई हो सकती है।