Badminton star Lakshya Sen Case: भारतीय बैडमिंटन स्टार लक्ष्य सेन को आयु धोखाधड़ी मामले में बड़ी राहत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उनके खिलाफ चल रही जांच पर स्थगन आदेश दे दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाकर मामले में विशेष नोटिस जारी किया है।
क्या था पूरा मामला
दरअसल भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी और ओलंपियन लक्ष्य सेन पर आरोप है कि उन्होंने और उनके परिवार ने जाली जन्म प्रमाण पत्र बनवाकर आयु-समूह टूर्नामेंटों में भाग लिया।
मामले में लक्ष्य के अलावा उनके भाई चिराग सेन, पिता धीरेंद्र सेन, मां निर्मला डी सेन, और कोच यू विमल कुमार के खिलाफ भी केस दर्ज हुआ है।
मंगलवार को न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और के विनोद चंद्रन की पीठ ने मामले में सुनवाई कर याचिकाकर्ताओं के खिलाफ किसी भी कठोर कार्रवाई पर रोक लगा दी।
अब मामले की अगली सुनवाई 16 अप्रैल 2025 को होगी। वहीं लक्ष्य ने कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका दायर कर जांच को रोकने और आपराधिक कार्यवाही समाप्त करने की मांग की थी।
लेकिन हाईकोर्ट से राहत न मिलने पर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जहां उन्हें अस्थायी राहत मिल गई है।