रांची: झारखंड हाइकोर्ट ने राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-31) के कोडरमा-रजौली तक हमारी सड़क की दयनीय स्थिति को लेकर हुई। स्वतः संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर लिया। गुरुवार को सुनवाई की।
चीफ जस्टिस डॉ विषय रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण म ने प्रसाद की खंडपीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग दिनी के माध्यम से सुनवाई करते हुए कहा कि हमारी कोडरमा-रजौली तक की सड़क की आज स्थिति अभी भी ठीक नहीं हो पायी है।
नेशनल हाइवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों के जवाब पर खंडपीठ ने कहा कि क्षेत्राधिकार में नहीं फंसे, एनएचएआइ होगा। राष्ट्रीय एजेंसी है।
राजमार्ग का मरम्मत, रखरखाव, निर्माण आदि उसकी ज़िम्मेदारी है।
सुनवाई के दौरान एनएचएआई के शपथ पत्र को देख कर चीफ जस्टिस ने मौखिक रूप से कहा कि एसएचएआइ अधिकारी उक्त सड़क से दो फरवरी को जाते है। मरम्मत कार्य की प्रशंसा करते हैं।
कहते है कि सड़क ब मोटोरेबल बन गया है उसी सड़क से वह 16 फरवरी को आते है।
कोडरमा-रजीली तक की सड़क की स्थिति उन्होंने ठीक नहीं पायी।
मरम्मत कार्य आधा-अधूरा है। एनएचएआइ के अधिकारियों के आग्रह पर खंडपीठ ने समय प्रदान कर दिया।
मामले की अगली सुनवाई के लिए 25 मार्च की तिथि निर्धारित की।
इससे पूर्व वर्चुअल तरीके से उपस्थित एमएचएआइ के अधिकारियों ने खंडपीठ के सवालों का जवाब दिया।
उल्लेखनीय है कि कोडरमा-रजौली तक एनएच-31 की दयनीय स्थिति को झारखंड हाइकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था।