New Delhi News: आबू धाबी में एक चार महीने के बच्चे की हत्या के आरोप में भारतीय महिला शहजादी (33) को 15 फरवरी को फांसी दे दी गई।
केंद्र सरकार ने सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट में महिला के परिवार को इस बारे में जानकारी दी।
शहजादी उत्तर प्रदेश के बांदा जिले की रहने वाली थी।
दूतावास को मिली देरी से जानकारी
भारतीय दूतावास को शहजादी की फांसी के बारे में 28 फरवरी को सूचित किया गया।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि फांसी की सजा के खिलाफ समीक्षा याचिका भी दायर की गई थी, लेकिन यूएई की अदालतों ने इसे खारिज कर दिया।
कानूनी मदद के बावजूद नहीं मिली राहत
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारतीय दूतावास ने शहजादी को हरसंभव कानूनी सहायता उपलब्ध कराई।
मामले में एक लॉ फर्म को भी नियुक्त किया गया था। इसके अलावा, UAE सरकार के समक्ष दयायाचिका और क्षमादान अनुरोध भेजा गया था, लेकिन सभी प्रयास असफल रहे।
पिता की गुहार भी रही बेकार
शहजादी के पिता शब्बीर खान ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बेटी की स्थिति के बारे में जानकारी मांगी थी।
उन्होंने दावा किया कि उनकी बेटी को अपर्याप्त कानूनी प्रतिनिधित्व मिला और दबाव में आकर अपराध स्वीकार कराया गया।
पोस्टमॉर्टम को लेकर भी उठे सवाल
पिता ने यह भी आरोप लगाया कि मृतक बच्चे के माता-पिता ने पोस्टमॉर्टम कराने से इनकार कर दिया था।
साथ ही मौत की जांच से छूट देने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इसके बावजूद शहजादी को मौत की सजा सुनाई गई।
5 मार्च को होगा अंतिम संस्कार
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, शहजादी के परिवार को उसकी मौत के बारे में सूचित कर दिया गया है।
महिला का अंतिम संस्कार 5 मार्च को किया जाएगा।