झारखंड

रांची में विपिन मिश्रा पर हुए फायरिंग मामले में छह आरोपी गिरफ्तार, हथियार बरामद

SSP ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए सिटी एसपी के नेतृत्व में एक एसआईटी टीम का गठन किया गया। टीम ने जांच के दौरान पहले करण को पकड़ा

Ranchi Crime News: बरियातू पुलिस ने कोयला कारोबारी विपिन मिश्रा (Vipin Mishra) पर फायरिंग मामले का खुलासा करते हुए छह लोगों को गिरफ्तार किया है।

गिरफ्तार आरोपितों में प्रेम पांडेय, रहमान अंसारी, करण, अविनाश ठाकुर, शोभित सिंह और विशाल मुंडा शामिल हैं। इनके पास से चार पिस्टल, 20 गोलियां, छह मैगजीन और एक बाइक बरामद की गई है।

DIG सह SSP चंदन सिन्हा ने मंगलवार को प्रेस वार्ता में फायरिंग मामले (Firing Cases) का खुलासा करते हुए कहा कि गत सात मार्च को कोयला व्यवसायी विपिन मिश्रा को गोली मारकर हत्या करने का प्रयास किया गया था।

फायरिंग में घायल विपिन मिश्रा और उनके चालक का इलाज मेडिका अस्पताल में हुआ। दोनों फिलहाल स्वस्थ्य होकर अपने घर चले गये हैं।

SSP ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए सिटी एसपी के नेतृत्व में एक एसआईटी टीम का गठन किया गया। टीम ने जांच के दौरान पहले करण को पकड़ा।

उससे पूछताछ की गयी। करण उरांव ने घटना के संबंध में टीम को जानकारी दी। इसके बाद सभी आरोपितों को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी के दौरान प्रेम पांडेय और रहमान अंसारी भागने की कोशिश में पुलिस की गाड़ी से कूद गए, जिससे दोनों को गंभीर चोटें आई हैं।

आकाश राय ने उपलब्ध कराया हथियार

SSP ने बताया कि रायपुर जेल में बंद रहने के दौरान गैंगस्टर अमन साहू (मृत) के कहने पर इस घटना को अंजाम दिया गया। प्रेम पांडेय के जरिए इस घटना को अंजाम दिलवाया गया।

घटना को अंजाम देने के लिए जेल में बंद आकाश राय उर्फ मोनू ने प्रेम पांडेय को हथियार उपलब्ध कराया था। इसके बाद प्रेम पांडेय ने बक्सर से आए शूटर अविनाश ठाकुर और शोभित सिंह को शामिल किया।

घटना को अंजाम देने के लिए वाहन का इंतजाम करण उरांव के जरिये किया गया, जबकि चालक के रूप में रहमान को लगाया गया। घटना के पूर्व विपिन मिश्रा की रेकी करने के लिए विशाल मुंडा को तैनात किया गया था। घटना के दिन वाहन चलाने में रहमान और दोनों शूटर घटनास्थल पर थे। दोनों शूटरों को प्रेम पांडेय ने श्री रामकृष्ण इंक्लेव में ठहराया था।

पहले विकास तिवारी गिरोह के लिए काम करता था प्रेम पांडेय

प्रेम पांडेय ने पुलिस को बताया कि 15 फरवरी को वह रामगढ़ जेल से बाहर आया था। वर्तमान में मोरहाबादी स्थित श्री रामकृष्ण इंक्लेव के आठवें तल्ले पर मुन्ना सिंह के गेस्ट हाउस में मुन्ना भैया के आदेश से रह रहा था। वह पहले विकास तिवारी के गिरोह में काम करता था।

उसके चचेरे भाई भरत पांडेय को जनवरी में पलामू के चैनपुर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिसकी जिम्मेदारी विकास तिवारी ने ली थी। इसके पहले उनके चाचा अशोक पांडेय की हत्या भी 2022 में विकास तिवारी ने करवा दी थी।

गिरोह के वर्चस्व के कारण ये हत्याएं हुई थीं। जब वे रामगढ़ जेल में थे, तो अमन साहू ने उनसे संपर्क किया और मोनू राय उर्फ आकाश राय के माध्यम से सिग्नल एप से बात की और कहा कि मेरे गैंग में आ जाओ, मेरा काम करोगे तो सुरक्षित रहोगे।

विकास तिवारी से लड़ाई के कारण वह अमन साहू के गैंग में शामिल हो गया और जेल से काम करने लगा। 28 फरवरी को शहीद चौक रांची में मोनू राय के आदमी ने अमन साहू के कहने पर दो लाख रुपये भिजवाए, जिसे करण से प्राप्त किया। इसके बाद विपिन मिश्रा को गोली मारने की साजिश रची गई।

कार पर की थी गोलीबारी

गत सात मार्च को बरियातू में विपिन मिश्रा पर गोलीबारी की घटना हुई थी। एक बाइक पर सवार होकर आए तीन अपराधियों ने विपिन मिश्रा की कार पर गोलीबारी की थी।

गोलीबारी में विपिन मिश्रा को दो गोलियां लगी थीं। विपिन मिश्रा के निजी और सरकारी बॉडीगार्ड ने जब अपराधियों पर जवाबी फायरिंग की, तो वे फरार हो गए थे। फायरिंग के बाद अमन साहू के गैंग ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर घटना की जिम्मेदारी ली थी। इसी दौरान 11 मार्च को छत्तीसगढ़ से रांची लाने के दौरान अमन साहू एनकाउंटर (Aman Sahu Encounter) में मारा गया।

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