पारा शिक्षकों के हक की लड़ाई तेज, सरकार से वेतन वृद्धि और स्थायीकरण की मांग
राज्य के 60 हजार पारा शिक्षकों को न्याय दिलाने की अपील, आकस्मिक मृत्यु पर 10 लाख मुआवजे की भी मांग, जयराम महतो ने स्पष्ट किया कि यदि सरकार इस मुद्दे पर जल्द कोई ठोस फैसला नहीं लेती, तो वे पारा शिक्षकों के साथ मिलकर बड़ा आंदोलन खड़ा करेंगे

Para Teacher News: झारखंड में पारा शिक्षकों की वेतन वृद्धि और स्थायीकरण का मुद्दा एक बार फिर जोर पकड़ चुका है।
जयराम महतो ने राज्य सरकार से इस दिशा में ठोस कदम उठाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि करीब 60 हजार पारा शिक्षक पिछले दो दशकों से झारखंड की शिक्षा व्यवस्था की रीढ़ बने हुए हैं, लेकिन अब तक उन्हें स्थायी रोजगार का दर्जा नहीं दिया गया है।
महतो ने यह भी कहा कि सरकार को पारा शिक्षकों की आर्थिक स्थिति को गंभीरता से लेना चाहिए और उनके मानदेय में तत्काल वृद्धि करनी चाहिए।
इसके अलावा, यदि किसी पारा शिक्षक की आकस्मिक मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा मिलना चाहिए।
झारखंड की शिक्षा व्यवस्था में पारा शिक्षकों की अहम भूमिका
पारा शिक्षक सिर्फ विद्यालयों में पढ़ाने तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि वे कई सरकारी कार्यों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं।
महतो ने कहा कि शिक्षा के अलावा, उन्होंने जनगणना, मतगणना और अन्य सरकारी कार्यों में भी अपना योगदान दिया है। इसके बावजूद, सरकार उन्हें स्थायी करने या उनके वेतन में उचित बढ़ोतरी करने को लेकर गंभीर नहीं दिख रही।
पारा शिक्षकों के समर्थन में आगे आएंगे जयराम महतो
जयराम महतो ने स्पष्ट किया कि यदि सरकार इस मुद्दे पर जल्द कोई ठोस फैसला नहीं लेती, तो वे पारा शिक्षकों के साथ मिलकर बड़ा आंदोलन खड़ा करेंगे।
उन्होंने कहा, ये शिक्षक न सिर्फ छात्रों का भविष्य संवार रहे हैं, बल्कि प्रशासनिक कार्यों में भी अपनी पूरी भागीदारी निभा रहे हैं। सरकार को इनकी मेहनत और संघर्ष को नज़रअंदाज नहीं करना चाहिए।