Jharkhand Assembly: बजट सत्र के दौरान शनिवार को सदन में मंत्री सुदिव्य सोनू (Sudivya Sonu) ने केंद्र सरकार और निजी उपक्रमों की बकाया राशि को लेकर बड़ा बयान दिया।
उन्होंने कहा कि एक लाख 36 हजार करोड़ रुपये से भी अधिक की बकाया राशि की गणना कर रिपोर्ट सार्वजनिक की जाएगी।
इस बकाया राशि को प्राप्त करने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर केंद्र से सहयोग नहीं मिला, तो राज्य को वित्तीय चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
ऋण और सरकारी वित्तीय स्थिति पर दी जानकारी
मंत्री सुदिव्य सोनू ने कल्पना सोरेन (Kalpana Soren) के सवाल के जवाब में बताया कि राज्य का ऋण अनुपात GSDP का 3.5% से भी नीचे है और अभी तक 2.27% ऋण लिया गया है।
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में कल्याणकारी योजनाओं के लिए धन की कोई कमी नहीं है और सरकार अभी 20 हजार करोड़ रुपये का और ऋण लेने की स्थिति में है।
वित्तीय आंकड़ों के साथ रखा गया ब्यौरा
2008-09 से 2013-14: 20,825.63 करोड़ रुपये का ऋण
2014-15 से 2018-19: 42,956.46 करोड़ रुपये का ऋण
2019-20: 9593.12 करोड़ रुपये का ऋण
2024-25 (जनवरी 2025 तक): 2082.78 करोड़ रुपये का ऋण
मंत्री ने कहा कि सरकार, FRBM एक्ट के तहत रहते हुए, जरूरत के अनुसार ऋण लेगी और केंद्र द्वारा झारखंड को मिले करों का अध्ययन कर उनके वितरण की विस्तृत रिपोर्ट पेश करेगी।
झारखंड के हिस्से में कटौती का अध्ययन करेगी सरकार
प्रदीप यादव (Pradeep Yadav) ने सदन में मांग उठाई कि केंद्र सरकार के 2014 के बाद झारखंड के हिस्से में हुई कटौतियों का विस्तृत अध्ययन किया जाए।
इस पर मंत्री ने भरोसा दिलाया कि अन्य राज्यों की तुलना में झारखंड को मिले केंद्रीय करों का विश्लेषण कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जिससे यह पता चलेगा कि विकास कार्यों पर इसका कितना असर पड़ा।
केंद्र से मिली राशि का खुलासा
2022-23: 6767 करोड़ रुपये
2023-24: 6741 करोड़ रुपये
2024-25: 4434 करोड़ रुपये
अन्य मुद्दों पर भी गरमाई बहस
अवैध बंदूक फैक्ट्री: नागेंद्र महतो ने 2021 में घंघरी गांव में मिली अवैध बंदूक फैक्ट्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, लेकिन मंत्री योगेंद्र प्रताप ने इसे बंगाल का मामला बताते हुए कहा कि जांच में कोई हथियार बरामद नहीं हुआ।
सृष्टि भारती हत्याकांड: देवेंद्र कुंवर ने मधुपुर में हुई इस हत्या की CBI जांच की मांग की, जिस पर मंत्री ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो केस दोबारा खोला जाएगा।