झारखंड में 20 हजार करोड़ के निवेश की तैयारी, खादी और रेशम उद्योग को मिलेगी रफ्तार

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Jharkhand Assembly: सरकार राज्य में अगले वित्त वर्ष में 20 हजार करोड़ रुपए का पूंजी निवेश (Capital Investment) लाने का प्रयास करेगी। MSME के प्रोत्साहन के नीति बनाई जाएगी।

यह बातें उद्योग और श्रम नियोजन प्रशिक्षण और कौशल विभाग के मंत्री संजय सिंह यादव (Sanjay Singh Yadav) ने शनिवार को विधानसभा के बजट सत्र में कही।

मंत्री भोजनावकाश के बाद श्रम विभाग के बजट पर हुए वाद-विवाद में उठाए गए मामलों पर जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार ITI में प्रशिक्षण का स्तर और बेहतर करेगी ताकि यहां के युवाओं को नौकरी के लिए बाहर नहीं जाना पड़े। उन्होंने कहा कि लंबे समय के बाद 493 प्रशिक्षण अधिकारियों की नियुक्ति सरकार ने की है।

उद्योगों का जाल बिछाने के प्रयास कर रहे मुख्यमंत्री

मंत्री ने कहा कि राज्य में उद्योगों का जाल बिछाने का प्रयास मुख्यामंत्री कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि रेशम के उत्पादन के लक्ष्य को 1500 से बढ़ाकर 1800 मिट्रिक टन रखा गया है।

खादी के विकास के लिए बुनकरों को 75 प्रतिशत सब्सिडी पर मशीनें दी जाएंगी। मंत्री ने कहा कि सरकार संगठित और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के हितों की रक्षा के लिए संकल्पित है।

कोरोना काल में 78 मृतक मजदूरों के परिजनों को मुआवजा के तौर एक करोड़ 29 लाख रुपए दिया गया। उन्होंने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा सरकार में हाथी उड़ाने का प्रयास किया गया।

डबल इंजन की सरकार भी राज्य का भला नहीं कर सकी। उन्होंने विपक्ष पर हेमंत सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया। मंत्री ने विपक्ष पर चुनाव के समय उन्हें लालच देकर पार्टी में शामिल करने का भी आरोप लगाया।

श्रम विभाग का 10.85 अरब की अनुदान मांग पारित

श्रम विभाग का 10 करोड़ 85 करोड़ 74 लाख 46 हजार रुपए की अनुदान मांग पारित हुई। अनुदान मांग पर कटौति का प्रस्ताव विपक्ष के विधायक राज सिन्हा (Raj Sinha) ने रखा था, लेकिन उन्हों ने यह कहते हुए कटौती वापस नहीं लिया कि जब तक राज्य के हर घर तक 24 घंटे की बिजली आपूर्ति नहीं होती है वे कटौती वापस नहीं लेंगे।

इसके बाद स्पीकर रबींद्र नाथ महतो ने कटौती के प्रस्ताव को अस्वीकृत कर दिया। वाद-विवाद के बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही सोमवार की सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

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