विधायक कल्पना सोरेन ने उठाया मनरेगा मजदूरों के बकाया मजदूरी का सवाल, वित्त मंत्री और विपक्ष में तकरार

विधायक कल्पना सोरेन ने अपने अल्पसूचित प्रश्न के माध्यम से मनरेगा मजदूरों को समय पर भुगतान न होने और राज्य में मजदूरी दर कम होने का मुद्दा उठाया। वहीं, जल जीवन मिशन को लेकर विपक्ष और सरकार के बीच फंडिंग और परियोजना की प्रगति पर आरोप-प्रत्यारोप हुए

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Jharkhand vidhansabha: झारखंड विधानसभा में बुधवार को मनरेगा मजदूरों (MNREGA Workers) के बकाया भुगतान और जल जीवन मिशन की धीमी प्रगति को लेकर तीखी बहस हुई।

विधायक कल्पना सोरेन (Kalpana Soren) ने अपने अल्पसूचित प्रश्न के माध्यम से मनरेगा मजदूरों को समय पर भुगतान न होने और राज्य में मजदूरी दर कम होने का मुद्दा उठाया। वहीं, जल जीवन मिशन को लेकर विपक्ष और सरकार के बीच फंडिंग और परियोजना की प्रगति पर आरोप-प्रत्यारोप हुए।

मनरेगा मजदूरों को नहीं मिला भुगतान, 1200 करोड़ रुपये बकाया

कल्पना सोरेन ने कहा कि मनरेगा ग्रामीणों के लिए जीवन रेखा है, लेकिन मजदूरों को त्योहारों पर भी उनका बकाया नहीं मिल पा रहा। उन्होंने यह भी बताया कि झारखंड में मनरेगा मजदूरी दर अन्य राज्यों की तुलना में काफी कम है।

हरियाणा में 376 रुपये प्रतिदिन मिलते हैं, जबकि झारखंड में सिर्फ 235 रुपये। राज्य में 1.03 करोड़ से अधिक मजदूर मनरेगा से जुड़े हैं, जिनके लिए यह देरी बेहद गंभीर समस्या है।

केंद्र पर फंड रोकने का आरोप, राज्य सरकार खुद कर रही भुगतान की कोशिश

ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडे सिंह (Deepika Pandey Singh) ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि झारखंड के मजदूरों का 484 करोड़ मजदूरी मद और 647 करोड़ सामग्री मद में बकाया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आंतरिक संसाधनों से मजदूरी भुगतान करने का प्रयास कर रही है।

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जल जीवन मिशन: 50% घरों तक नहीं पहुंचा पानी, केंद्र-राज्य में तकरार

विधानसभा में जल जीवन मिशन को लेकर भी गर्मागर्म बहस हुई। विपक्ष के नेता नवीन जायसवाल ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत 31 दिसंबर 2024 तक हर घर तक नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य था, लेकिन अब तक 62.54 लाख घरों में से सिर्फ 34.16 लाख घरों तक ही जलापूर्ति हुई है।

मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने जवाब देते हुए कहा कि केंद्र की ओर से अभी तक वित्त वर्ष 2024-25 के लिए कोई राशि नहीं मिली है। उन्होंने बताया कि 24665 करोड़ रुपये की परियोजना में से राज्यांश के रूप में 5810 करोड़ खर्च हो चुके हैं और 5917 करोड़ केंद्रांश के रूप में मिला है, लेकिन इस साल केंद्र ने कोई फंड जारी नहीं किया।

“नवीन जी नीरव मोदी का कैलकुलेटर लेकर बैठे हैं” – मंत्री योगेंद्र प्रसाद

जब नवीन जायसवाल (Naveen Jaiswal) ने फंडिंग को लेकर सरकार से सवाल किए तो मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने तंज कसते हुए कहा, “नवीन जी नीरव मोदी का कैलकुलेटर लेकर बैठे हैं।” इस पर जायसवाल ने पलटवार करते हुए कहा कि “केंद्र एडवांस नहीं देता, काम पूरा होने के बाद ही भुगतान होता है। 50% काम हुआ है, तो 100% पैसा कैसे मिलेगा?”

सरकार ने दी वैकल्पिक जलापूर्ति की योजना

मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने आश्वासन दिया कि एचवायडीटी (HYDT) तकनीक के तहत वैकल्पिक जलापूर्ति व्यवस्था पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि निर्माणाधीन जल परियोजनाओं को जल्द पूरा करने के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है।

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