नई दिल्ली: कोरोना के बदलते रूप स्ट्रेन को देखते हुए दिल्ली सर्तक हो गई है। ऐसे सभी राज्यों जहां कोरोना का नया स्ट्रेन मिला या उक्त स्ट्रेन की संभावना है, उन सभी राज्यों से आने वाले लोगों के लिए कोरोना जांच अनिवार्य कर दी गई है।
पंजाब, महाराष्ट्र और केरल से आने वाले यात्रियों के लिए यह जांच अनिवार्य कर दी गई है।
इसके साथ ही रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट पर दिल्ली सरकार की ओर से कोरोना जांच और सघन की जाएगी।
सोमवार को हुई डीडीएमए की बैठक के दिल्ली सरकार ने यह फैसला लिया है।
मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की बैठक में महाराष्ट्र, केरल, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और पंजाब जैसे राज्यों में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि को देखते हुए यह फैसला किया गया है।
दिल्ली आने के वक्त अगर किसी यात्री के पास दो दिन पुरानी आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट है तो उसे भी मान्य करार दिया जाएगा।
इस दौरान दिल्ली सरकार की ओर से रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट पर रैंडम जांच भी की जाएगी, ताकि नए स्ट्रेन के दिल्ली पहुंचने की कोई उम्मीद न हो। एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशनों के नजदीक क्वारंटाइन केंद्र तैयार कर लिए गए हैं।
इन तीन राज्यों से दिल्ली आने वाले यात्री अगर दिल्ली में होने वाली जांच में संक्रमित पाए जाते हैं तो उन्हें 14 दिन के लिए क्वारंटाइन रहना होगा। इसके लिए दिल्ली में क्वारंटाइन केंद्र पहले ही बने हुए हैं।
यात्री अपनी मर्जी से निजी क्वारंटाइन केंद्र भी चुन सकते हैं, जहां रहने का खर्चा उन्हें खुद उठाना होगा।
दिल्ली में अभी तक नए स्ट्रेन के सक्रिय मामलों की पुष्टि नहीं हुई है।
दिल्ली सरकार ने एहतियात के तौर पर तमाम दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।
सरकार के अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली के अस्पतालों में बेड और आईसीयू बेड की पूरी व्यवस्था है। दिल्ली के अस्पतालों में डॉक्टरों को नए स्ट्रेन के लक्षणों और बचाव के बारे में पूरी जानकारी दे दी गई है।