700 people were injured while performing with swords and sticks : रामनवमी के अवसर पर निकले दशमी जुलूस में अस्त्र-शस्त्र से किए गए करतब भारी पड़ गए। करीब 700 से ज्यादा श्रद्धालु चोटिल हो गए, जिनमें से एक की हालत गंभीर बताई जा रही है। हालात बिगड़ने पर उसे रांची मेडिकल के लिए रेफर किया गया है। घायलों के इलाज के लिए अस्पताल प्रशासन को रातभर मुस्तैदी से डटा रहना पड़ा।
अस्पताल में घायलों की भीड़, रातभर चला इलाज
शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रविवार रात से ही जख्मी श्रद्धालुओं की भीड़ लगने लगी थी। रात 10 बजे से लेकर अगली सुबह तक घायलों की तादाद लगातार बढ़ती रही। अस्पताल अधीक्षक डॉ ए पूर्ति ने बताया कि इतनी बड़ी संख्या में लोगों के घायल होने के बावजूद डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की टीम ने बिना थके इलाज किया।
करतब दिखाने के दौरान कई घायल, विवाद में चले भुजाली
पेलावल के दीपू ठाकुर ने बताया कि जब जुलूस उनके मोहल्ले में पहुंचा, उसी दौरान दो युवकों श्याम विश्वकर्मा और देवेन सोनी से बहस हो गई। बात इतनी बढ़ गई कि दोनों ने दीपू ठाकुर के पेट में भुजाली घोंप दी। इसी तरह की एक और घटना ओकनी क्षेत्र में हुई, जहां रोहित राम पर भी भुजाली से हमला हुआ।
डॉक्टरों और नर्सों की टीम ने मोर्चा संभाला
हड्डी रोग विभाग और सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने बिना आराम किए मरीजों की देखभाल की। डॉ पवन कुमार, डॉ संजीव हेंब्रम, डॉ मृगेंद्र राय, डॉ उत्कृष्ट कांत, डॉ अभिषेक, डॉ सुधांशु सहित कई विशेषज्ञ लगातार ड्यूटी पर बने रहे। स्वास्थ्यकर्मी और नर्सिंग स्टाफ ने भी बिना थके सेवा दी।
रक्तदान और सहयोग में आगे आया समाज
हजारीबाग ब्लड एसोसिएशन के सदस्य निर्मल जैन ने गंभीर घायलों के लिए रक्त की व्यवस्था कर मानवीय सहयोग का परिचय दिया। मेडिकल कैंपों में भी लगभग 400 लोगों को प्राथमिक उपचार मिला।
सुरक्षा और नियंत्रण पर सवाल, प्रशासन घिरा
अस्त्र-शस्त्र के खुले प्रदर्शन को लेकर अब प्रशासन की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं। आयोजन से पहले सुरक्षा की समीक्षा क्यों नहीं हुई, और इतनी बड़ी संख्या में लोग कैसे घायल हो गए – इन सवालों पर प्रशासनिक चुप्पी बनी हुई है।