NIA recovered a huge stock of ammunition from Amarjeet Rawani’s hideoutबुधवार सुबह कालूबथान ओपी क्षेत्र में उस समय हड़कंप मच गया, जब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की टीम ने बंगाल से पहुंचते ही बोरिया गांव में एक बंद पड़े पोल्ट्री फार्म पर छापेमारी की। फार्म में भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्रियों का जखीरा मिलने से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है।
NIA की गुप्त कार्रवाई से मचा हड़कंप
सुबह 8 बजे करीब एक दर्जन अधिकारियों की टीम ने बिना किसी पूर्व सूचना के छापा मारा। जिस पोल्ट्री फार्म को निशाना बनाया गया, वह अमरजीत रवानी नामक व्यक्ति का है, जो डुमरकुंडा निवासी राम प्रसाद शर्मा का पुत्र बताया गया है। टीम के साथ स्थानीय पुलिस और एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी भी मौजूद रहे।
गोदाम में मिला विस्फोटक का बड़ा जखीरा
एनआईए की रेड के दौरान अधिकारियों को फार्म के भीतर स्थित एक गोदाम से 39 पेटी विस्फोटक, 13 पेटी डेटोनेटर, बड़ी मात्रा में तारें, 20 खाली पेटी और भारी मात्रा में जिलेटिन व अमोनियम नाइट्रेट बरामद हुआ। सुरक्षा की दृष्टि से आसपास के क्षेत्र को सील कर दिया गया और बाइक या किसी भी वाहन की आवाजाही पर पाबंदी लगा दी गई है।
अमरजीत के भाई को हिरासत में लेकर हो रही पूछताछ
एनआईए की टीम ने अमरजीत के बड़े भाई संजय शर्मा को डुमरकुंडा स्थित उनके आवास से हिरासत में लिया और उन्हें घटनास्थल पर लाया गया। उनके आवास पर भी छानबीन चल रही है। बरामद सामग्रियों को कोलकाता ले जाने की तैयारी की जा रही है।
संभावित आतंकी कनेक्शन की तलाश में जुटी एजेंसी
सूत्रों के अनुसार, अमरजीत रवानी का संपर्क कुछ प्रतिबंधित संगठनों से रहा है। एनआईए की टीम इस कड़ी की पड़ताल कर रही है कि इन विस्फोटकों का उपयोग किस मकसद से और किन लोगों को किया जाना था। जांच में यह भी सामने आया है कि कालूबथान और बलियापुर सीमा क्षेत्र में चल रहे अवैध पत्थर खदानों से इस नेटवर्क का संबंध हो सकता है।
एंटी फायर विशेषज्ञ भी मौजूद, संवेदनशील इलाकों में कड़ी निगरानी
जांच अभियान के दौरान एनआईए के साथ एक एंटी फायर टीम भी मौजूद रही। टीम विस्फोटक से भरे इलाके में ज्वलनशील पदार्थों की गहन जांच कर रही है, ताकि किसी भी संभावित खतरे को समय रहते टाला जा सके।
पोल्ट्री फार्म की आड़ में विस्फोटक का कारोबार
जानकारी के अनुसार, अमरजीत रवानी ने यह भवन मूल रूप से पोल्ट्री फार्म के लिए बनवाया था, लेकिन बीते कुछ वर्षों में उसने इसे विस्फोटक सामग्रियों के भंडारण स्थल में बदल दिया। तीन साल पहले भी यहां छापेमारी हुई थी, मगर उस समय इतना बड़ा खुलासा नहीं हुआ था।