Trade War : फिसला कच्चा तेल, 60 डॉलर के नीचे लुढ़का

Digital News
3 Min Read

Trade War: अमेरिका और चीन जैसी दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच ट्रेड वॉर गहराने की आशंका के बीच अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल (कच्चा तेल) लगातार टूटता जा रहा है। Trade War की आशंका के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में आज लगातार पांचवें दिन गिरावट दर्ज की गई है।\

आज के कारोबार में ब्रेंट क्रूड 60 डॉलर के स्तर से भी नीचे गिरकर 58.39 डॉलर प्रति बैरल के स्तर तक पहुंच गया।

इसी तरह यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) क्रूड गिर कर 55.13 डॉलर प्रति बैरल के स्तर तक पहुंच गया। इस गिरावट के साथ ही कच्चा तेल 4 साल से भी अधिक समय के सबसे निचले स्तर तक पहुंच गया है।

फ्यूचर मार्केट की बात करें तो ब्रेंट फ्यूचर्स फिलहाल 4.06 प्रतिशत की गिरावट के साथ 60.27 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर नजर आ रहा है। इसी तरह यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) क्रूड फ्यूचर्स 4.50 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 56.90 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर बना हुआ है। ब्रेंट क्रूड में ये मार्च 2021 के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है। इसी तरह डब्ल्यूटीआई क्रूड में ये फरवरी 2021 के बाद का सबसे निचला स्तर है।

जानकारों का कहना है कि टैरिफ को लेकर अमेरिका और चीन के बीच जिस तरह से टकराव की स्थिति बनी है, उससे आर्थिक मंदी का खतरा बढ़ने लगा है। कैपेक्स गोल्ड एंड इन्वेस्टमेंट के सीईओ राजीव दत्ता का कहना है कि अगर ट्रेड वॉर का दौर लंबे समय तक जारी रहा, तो इससे कच्चे तेल की मांग में गिरावट आ सकती है। ऐसा होने पर अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत पर दबाव और भी बढ़ सकता है।

- Advertisement -
sikkim-ad

सबसे बड़ी बात तो ये है कि तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक प्लस ने मई के महीने में दैनिक आधार पर कच्चे तेल के उत्पादन में 4.11 लाख बैरल की बढ़ोतरी करने का फैसला किया है। ओपेक प्लस द्वारा पिछले सप्ताह ही लिए गए इस फैसले के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत पर दबाव और बढ़ गया है, क्योंकि ऐसा होने की वजह से मार्केट में ऑयल सरप्लस की स्थिति बन सकती है।

ऐसे में अगर ट्रेड वॉर की स्थिति भी ज्यादा दिनों तक बनी रही, तो ब्रेंट क्रूड जल्दी ही 55 डॉलर प्रति बैरल और WTI Crude 51 डॉलर प्रति बैरल के स्तर तक पहुंच सकता है।

Share This Article