The Supreme Court will hear Waqf petitions : सुप्रीम कोर्ट आज नए वक्फ कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। कुल 73 याचिकाएं दायर की गई हैं, जिनमें से 10 पर आज दोपहर 2 बजे चर्चा होगी। तीन जजों की बेंच, जिसमें जस्टिस संजीव खन्ना, संजय कुमार और केवी विश्वनाथन शामिल हैं, इस मामले को देखेगी।
हाल ही में केंद्र सरकार ने वक्फ कानून में बदलाव किया, जिसे 5 अप्रैल को संसद ने पास किया। इस कानून को लेकर कई जगहों पर विरोध हुआ और कुछ स्थानों पर हिंसा भी देखी गई। लोकसभा में 288 वोटों के समर्थन और 232 वोटों के विरोध के बाद यह बिल पास हुआ।
राज्यसभा में 128 वोट इसके पक्ष में और 95 वोट खिलाफ पड़े। विपक्ष ने संसद में इस कानून का खूब विरोध किया और इसे संपत्ति हड़पने की कोशिश बताया।
याचिकाओं में क्या कहा गया?
नए कानून से वक्फ बोर्डों के चुनाव खत्म हो जाएंगे।
गैर-मुस्लिमों को वक्फ बोर्ड में नियुक्त किया जा सकता है, जिससे मुस्लिम समुदाय की संपत्तियों का प्रबंधन प्रभावित हो सकता है।
सरकारी अधिकारियों को वक्फ संपत्तियों पर ज्यादा नियंत्रण मिलेगा, जिससे संपत्तियां सरकार के हाथ में जा सकती हैं।
अनुसूचित जनजाति के लोग वक्फ नहीं बना सकेंगे, जो उनके अधिकारों का उल्लंघन है।
वक्फ की परिभाषा बदलने से पुरानी संपत्तियां अवैध हो सकती हैं।
कौन-कौन कोर्ट पहुंचा?
कई राजनीतिक दल जैसे कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, सीपीआई, AIMIM, AAP और अन्य ने याचिकाएं दायर की हैं। दो हिंदू पक्षों ने भी याचिका दायर की, जिसमें कहा गया कि इस कानून से सरकारी और हिंदू धार्मिक स्थलों पर कब्जा हो सकता है। धार्मिक संगठन जैसे जमीयत उलमा-ए-हिंद और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भी कानून के खिलाफ हैं।
केंद्र सरकार का कहना है…
सरकार का कहना है कि यह कानून वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को बेहतर बनाएगा, भ्रष्टाचार रोकेगा और पारदर्शिता लाएगा। सात राज्य भी इस कानून के समर्थन में हैं और कहते हैं कि यह संविधान के अनुसार है। केंद्र सरकार ने कोर्ट में केविएट दाखिल किया है, ताकि कोई भी फैसला होने से पहले उनकी बात सुनी जाए। अब सबकी नजर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर है।अब सबकी नजर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर है।