पाकुड़: कोरोना काल में लोगों को क्वारंटीन किए जाने की बात सभी जानते हैं।
लेकिन पिछले दिनों जब्त ऊंटों को भी कोविड-19 के प्रसार रोकने के लिए पाकुड़ में पंद्रह दिनों के लिए क्वारंटीन किया गया है।
इसकी मियाद गुरुवार को समाप्त हो रही है। पहले से ही जब्त ऊंटों के रख रखाव को ले परेशान वन विभाग की परेशानी क्वारंटीन अवधि को ले और भी बढ़ गई है।
दरअसल पशुओं में होने वाली संक्रामक बीमारियों मुंहपका, खुरपका आदि से बचाने के लिए वन विभाग द्वारा जब्त कर रखे गए 22 ऊंटों को पशु पालन विभाग के डाॅक्टरों ने गत 10 फरवरी को टीका लगाकर पंद्रह दिनों के लिए क्वारंटीन कर दिया था।
साथ ही कहा था कि उक्त अवधि पूरी होने के बाद ही उन्हें पुनर्वास केन्द्र भेजने की अनुमति दी जा सकती है।उल्लेखनीय है कि पशु तस्करों से बचाए गए अधिकांश ऊंट बीमार थे।
जिनका लंबे समय तक उपचार भी चला। गत 10 फरवरी को पशु पालन विभाग के डाॅक्टरों ने संक्रामक बिमारी एफएमडी से बचाव के मद्देनजर ऊंटों को टीका लगाया साथ ही पंद्रह दिनों तक क्वारंटीन में रखने का निर्देश दे दिया, ताकि इस दौरान उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो सके।
जिला पशु चिकित्सक डाॅक्टर कलीमुद्दीन टीकाकरण के बाद ऊंटों का पंद्रह दिनों का क्वारंटीन जरूरी है। ऐसा न करने पर उनसे कोई दूसरे पशु ही नहीं मनुष्य भी संक्रमित हो सकता है।
उधर जब्त ऊंटों के रख रखाव व भोजन पानी के जुगाड़ में परेशान विभागीय अधिकारी एक एक कर दिन गिन रहे हैं।
वे उन्हें भेजने की अनुमति मिले और वे ऊंट पुनर्वास केन्द्र सिरोही राजस्थान भेज सकें।
इस संबंध में रेंजर अनिल कुमार सिंह ने बताया कि अब इन्हें पुनर्वास केन्द्र भेजने की प्रक्रिया 26 फरवरी से ही शुरू की जाएगी।क्योंकि उनके रख रखाव की व्यवस्था में हमें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।