Babulal Marandi attacks Congress‘: झारखंड BJP प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED द्वारा सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने के बाद कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ‘चोरी करती है और धरना-प्रदर्शन के जरिए अपनी लूट को छिपाने की सीनाजोरी भी करती है।’
मरांडी ने ED की कार्रवाई को उचित ठहराते हुए कहा कि लोकतंत्र में धरना-प्रदर्शन का अधिकार है, लेकिन कांग्रेस को जनता का धन और जमीन लूटने का हक नहीं।
बुधवार को BJP प्रदेश कार्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए मरांडी ने नेशनल हेराल्ड की शुरुआत का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यह अखबार कभी नेहरू खानदान की जागीर नहीं था। इसके 5,000 शेयरधारकों में आजादी के कई क्रांतिकारी शामिल थे। लेकिन 2008 में आर्थिक विफलता के कारण इसका प्रकाशन बंद हो गया।
कांग्रेस पर गंभीर आरोप
मरांडी ने दावा किया कि कांग्रेस ने नेशनल हेराल्ड की संपत्ति गांधी परिवार के नियंत्रण में लाने के लिए कॉर्पोरेट साजिश रची। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अखबार की प्रकाशक कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) को 90 करोड़ रुपये का कर्ज दिया, जो एक राजनीतिक पार्टी के लिए गैरकानूनी है।
इसके बाद यंग इंडिया नामक कंपनी बनाई गई, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी की 38-38% हिस्सेदारी है।
इस कंपनी को 9 करोड़ के इक्विटी शेयर ट्रांसफर किए गए, जिसके जरिए नेशनल हेराल्ड की दिल्ली, लखनऊ, मुंबई, भोपाल और पटना में हजारों करोड़ की संपत्तियां यंग इंडिया के नियंत्रण में आ गईं।
उन्होंने आगे कहा कि 90 करोड़ के कर्ज को मात्र 50 लाख रुपये में ‘राइट ऑफ’ कराकर हजारों करोड़ की संपत्ति हड़प ली गई। मरांडी ने कांग्रेस के दावे पर सवाल उठाया कि यंग इंडिया चैरिटी के लिए बनाई गई थी, लेकिन इसके चैरिटी कार्यों की कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं है।
मरांडी ने बताया कि ED ने इस मामले में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष मोतीलाल वोहरा, पवन बंसल, सोनिया गांधी और राहुल गांधी से पूछताछ की। जांच में सामने आया कि 50 लाख रुपये में हजारों करोड़ की संपत्ति का हस्तांतरण किया गया।
झारखंड सरकार पर निशाना
मरांडी ने हेमंत सोरेन सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि झारखंड सरकार ने नेशनल हेराल्ड को करोड़ों रुपये के विज्ञापन देकर गरीबों का पैसा लुटवाया। उन्होंने 13 अगस्त 2023 और 21 जनवरी 2024 को प्रकाशित विज्ञापनों का हवाला देते हुए मीडिया से इसकी जांच करने की अपील की।