Jhrakhand News: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की स्वीडन और स्पेन यात्रा ने सियासी ‘तूफान’ खड़ा कर दिया है। विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इस दौरे को लेकर कई सवाल उठाए हैं, जबकि सत्ताधारी झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने तीखा पलटवार किया है। विवाद का मुख्य मुद्दा उद्योग मंत्री की अनदेखी और मुख्यमंत्री की पत्नी व विधायक कल्पना सोरेन को प्रतिनिधिमंडल में शामिल करना है।
नेता प्रतिपक्ष और भाजपा विधायक बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट साझा कर मुख्यमंत्री पर निशाना साधा। उन्होंने सवाल किया कि यदि यह दौरा विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए है, तो उद्योग मंत्री को प्रतिनिधिमंडल में क्यों नहीं शामिल किया गया।
मरांडी ने पूछा, “उद्योग सचिव और निदेशक को ले जाना पर्याप्त है, लेकिन मंत्री की क्या कोई भूमिका नहीं?” उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि अगर यह सरकारी यात्रा है, तो कल्पना सोरेन किस हैसियत से इस दौरे का हिस्सा हैं। इसके अलावा, मरांडी ने एक सेवानिवृत्त IFS अधिकारी को शामिल करने पर भी आपत्ति जताई और आरोप लगाया कि हेमंत सोरेन सरकार में सहयोगी दलों के मंत्रियों को अपमानित करना अब आम बात हो गई है।
भाजपा ने दावा किया कि यह दौरा सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग है और मुख्यमंत्री की कार्यशैली में एक व्यक्ति विशेष के इर्द-गिर्द सत्ता केंद्रित हो रही है, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया के खिलाफ है।
इसके जवाब में झामुमो ने भी X पर पलटवार करते हुए भाजपा को आड़े हाथों लिया। पार्टी ने बाबूलाल मरांडी से पूछा कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के ‘मोमेंटम झारखंड’ जैसे आयोजनों का क्या हासिल हुआ। झामुमो ने लिखा, “हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झारखंड विकास के पथ पर अग्रसर है, लेकिन आप जलनखोरी की प्रचंड अग्नि में जल रहे हैं।”
पार्टी ने दावा किया कि यह दौरा झारखंड के युवाओं के लिए रोजगार और विकास के अवसर लाने के लिए है, न कि “फोटो खिंचवाने या जुमले गढ़ने” के लिए। झामुमो ने भाजपा पर झूठी राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष को राज्य के विकास से तकलीफ हो रही है।
सियासी तनातनी हुई तेज
यह विवाद तब और गहरा गया, जब भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाह देव ने भी इस मुद्दे पर हेमंत सोरेन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जब राज्य में कानून-व्यवस्था और बिजली संकट जैसे मुद्दे गंभीर हैं, तब मुख्यमंत्री का विदेश दौरा जनता की कमाई का दुरुपयोग है।
वहीं, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद विधानसभा चुनाव के बाद भी सियासी तनाव को बनाए रख सकता है।
हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ने हाल के चुनावों में झामुमो के लिए मजबूत प्रदर्शन किया था, जिसके बाद भाजपा लगातार सरकार पर हमलावर है।
इस बीच, मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से अभी तक इस दौरे के औचित्य पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। सवाल यह है कि क्या यह दौरा वाकई झारखंड में निवेश और विकास को बढ़ावा देगा, या यह सियासी आरोप-प्रत्यारोप का एक और हथियार बनकर रह जाएगा।