ANPR-Fastag toll system launch delayed : केंद्र सरकार ने शुक्रवार को उन खबरों को खारिज कर दिया, जिनमें दावा किया गया था कि 1 मई से देशभर में सैटेलाइट आधारित टोलिंग सिस्टम लागू होगा।
सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि न तो मंत्रालय और न ही भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने सैटेलाइट टोलिंग सिस्टम को 1 मई से लागू करने का कोई निर्णय लिया है।
मंत्रालय ने कहा कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में गलत तरीके से दावा किया गया था कि यह सिस्टम मौजूदा फास्टैग आधारित टोल कलेक्शन सिस्टम की जगह लेगा।
मंत्रालय ने बताया कि TOLL PLAZA पर वाहनों की सुगम और निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करने तथा यात्रा समय को कम करने के लिए चुनिंदा TOLL PLAZA पर ‘ANPR-FasTag आधारित बैरियर-लैस टोलिंग सिस्टम’ लागू किया जाएगा।
यह उन्नत टोलिंग सिस्टम ‘ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन’ (ANPR) तकनीक और रेडियो-फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) पर आधारित फास्टैग सिस्टम का संयोजन होगा।
इस सिस्टम के तहत, हाई परफॉर्मेंस ANPR कैमरे और फास्टैग रीडर्स के माध्यम से वाहनों से टोल शुल्क लिया जाएगा, जिससे वाहनों को टोल प्लाजा पर रुकने की जरूरत नहीं होगी।
मंत्रालय के अनुसार, यदि कोई वाहन चालक टोल भुगतान नहीं करता, तो उसे ई-नोटिस जारी किया जाएगा, उसका फास्टैग रद्द हो सकता है, और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
वर्तमान में भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क पर लगभग 855 टोल प्लाजा हैं, जिनमें 675 सरकारी हैं, जबकि 180 या अधिक निजी ऑपरेटरों द्वारा संचालित हैं।
इस महीने की शुरुआत में, NHAI ने बढ़ती लागतों के कारण देशभर के राजमार्गों और एक्सप्रेसवे पर टोल शुल्क में औसतन 4 से 5 प्रतिशत की वृद्धि की थी।