Security for VIPs, but no arrangements for tourists:जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 पर्यटकों की मौत हुई, के बाद सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई है।
अधिवक्ता विशाल तिवारी द्वारा दायर इस याचिका में केंद्रीय गृह मंत्रालय और राज्यों, विशेषकर जम्मू-कश्मीर, से पर्यटकों की सुरक्षा के लिए तत्काल उपाय करने की मांग की गई है।
याचिका में पहाड़ी और दूरदराज के क्षेत्रों में सशस्त्र बलों की तैनाती और उचित चिकित्सा सुविधाओं की स्थापना का निर्देश देने की अपील की गई है।
याचिका के अनुसार, उत्तर भारत के कई राज्यों की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर निर्भर है, और गर्मियों में लाखों पर्यटक पहाड़ी क्षेत्रों में आते हैं। आतंकी हमले इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
तिवारी ने कहा, “पहलगाम जैसे संवेदनशील क्षेत्र में कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं थी। बायसरन घाटी में पर्यटक आसान निशाना बने, क्योंकि वहां कोई सशस्त्र सुरक्षा नहीं थी।
” याचिका में पर्यटकों को आतंकी हमलों से बचाने के लिए संयुक्त राष्ट्र की पर्यटक सुरक्षा गाइडलाइंस लागू करने और विशेष सुरक्षा बल तैनात करने की मांग की गई है।
याचिका में आगामी अमरनाथ यात्रा, जो 3 जुलाई 2025 से शुरू होगी, की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष उपायों की भी मांग की गई है।
पहलगाम इस यात्रा का आधार शिविर है, और हमले ने तीर्थयात्रियों में डर पैदा कर दिया है। याचिका में कहा गया कि दूरदराज के पहाड़ी क्षेत्रों में आपातकालीन चिकित्सा सुविधाओं का अभाव है, जिसे तुरंत दुरुस्त करना जरूरी है।
तिवारी ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा, “VIP को चौबीसों घंटे सुरक्षा मिलती है, लेकिन आम पर्यटकों की सुरक्षा के लिए कोई इंतजाम नहीं है।
” याचिका में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में पर्यटकों पर हमले को चिंताजनक बताया गया है। तिवारी ने याचिका की त्वरित सुनवाई के लिए 25 अप्रैल 2025 की तारीख मांगी है।
हमले में ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने जिम्मेदारी ली है, और सुरक्षा एजेंसियों ने तीन संदिग्धों के स्केच जारी किए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने हमले की निंदा की और पीड़ितों के लिए दो मिनट का मौन रखा। केंद्र और राज्य सरकारें सुरक्षा बढ़ाने और अमरनाथ यात्रा की तैयारियों में जुट गई हैं।