Maiya Samman Yojana: झारखंड में मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत लाभुकों को हर माह मिलने वाली 2500 रुपये की राशि अप्रैल 2025 से रुक सकती है, क्योंकि लगभग 10,000 लाभुकों ने अपने बैंक खातों की आधार सीडिंग नहीं कराई है।
जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग ने लाभुकों को आधार लिंक करने के लिए 3 दिन (26-28 अप्रैल 2025) की अंतिम मोहलत दी है। यदि इस अवधि में आधार सीडिंग पूरी हो जाती है, तो अप्रैल की राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के जरिए उनके खातों में भेज दी जाएगी।
पंचायतों में सूची जारी
जिला सामाजिक कोषांग ने उन लाभुकों की सूची सभी प्रखंड कार्यालयों और पंचायत सचिवालयों को भेज दी है, जिनके बैंक खाते आधार से लिंक नहीं हैं।
यह सूची पंचायतों के सूचना पट्ट पर चस्पा की जाएगी, ताकि लाभुकों को समय रहते जानकारी मिल सके।
अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि आधार सीडिंग न होने पर राशि हस्तांतरण में तकनीकी दिक्कतें आ सकती हैं, जिसके चलते लाभुकों को प्रखंड से लेकर जिला कार्यालय तक चक्कर लगाने पड़ सकते हैं।
आधार सीडिंग के लिए सुविधाएं
लाभुक अपने नजदीकी राष्ट्रीयकृत बैंक की शाखा, ग्राहक सेवा केंद्र (CSP), या कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाकर आधार सीडिंग करवा सकते हैं।
रांची के DC मंजूनाथ भजंत्री ने पहले ही 29 अप्रैल 2025 को पंचायतवार आधार सीडिंग शिविर आयोजित करने का निर्देश दिया था, जहां लाभुक सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक यह कार्य करवा सकते हैं। शहरी क्षेत्रों के लाभुक अपनी बैंक शाखाओं में संपर्क कर सकते हैं।
सबसे ज्यादा लापरवाही हुई यहां
साहिबगंज जिले के उधवा, बरहेट, और बरहड़वा प्रखंडों में सबसे ज्यादा लापरवाही देखी गई है। इन तीन प्रखंडों में 4928 लाभुक (कुल 49%) ने अभी तक आधार सीडिंग नहीं कराई है।
इन लाभुकों के खातों में अप्रैल की राशि भेजना संभव नहीं होगा, जब तक वे आधार लिंक नहीं कराते। जिला प्रशासन ने इन क्षेत्रों में विशेष जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश दिया है।
योजना का महत्व और नियम:
मुख्यमंत्री मं hunting://www.hindustantimes.com/india-news/jharkhand-mukhyamantri-mai-yaan-samman-yojana-launched-to-empower-women-with-financial-support-101723734832895.html) के तहत 18 से 50 वर्ष की महिलाओं को सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण के लिए हर माह 2500 रुपये दिए जाते हैं।
इस योजना के लिए आधार से लिंक्ड एकल बैंक खाता अनिवार्य है। सूत्रों के मुताबिक, बार-बार आग्रह के बावजूद कई लाभुकों ने यह प्रक्रिया पूरी नहीं की, जिससे राशि ट्रांसफर में बाधा आ रही है।