Jharkhand News: रांची के लालपुर ट्रैफिक थाना में तैनात पुलिसकर्मी मदन सिंह साइबर अपराधियों के जाल में फंसकर 3.20 लाख रुपये गंवा बैठे। साइबर ठगों ने उनके भाई आनंद सिंह, जो दुबई में रहते हैं, के नाम पर फर्जी मैसेज और वाट्सऐप कॉल के जरिए ठगी की।
इस घटना के बाद मदन सिंह ने साइबर थाना में अज्ञात मोबाइल नंबर धारक और साइबर अपराधियों के खिलाफ केस दर्ज कराया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
इस तरह हुई ठगी?
मदन सिंह ने बताया कि उन्हें फेसबुक मैसेंजर पर एक मैसेज मिला, जिसमें उनके भाई आनंद सिंह के नाम से हालचाल पूछा गया। मैसेज में लिखा था, “मैं गांव आ रहा हूं, आपको क्या गिफ्ट चाहिए?” मदन सिंह ने इसे अपने भाई का मैसेज समझकर एक कलाई घड़ी लाने की बात कही। इसके बाद ठग ने उनके बैंक खाते का नंबर मांगा।
जब मदन ने सवाल किया कि खाता नंबर क्यों चाहिए, तो जवाब मिला, “मेरे पास कुछ बचत है, उसे आपके खाते में ट्रांसफर करना चाहता हूं। चार-पांच दिन की छुट्टी लेकर घर आ रहा हूं। गांव आने पर पैसा वापस कर दूंगा।”
विश्वास में आकर मदन सिंह ने अपना खाता नंबर दे दिया। थोड़ी देर बाद ठग ने मैसेज किया कि वह “भारी मुसीबत” में फंस गया है और उसे जेल हो सकती है। ठग ने दावा किया कि ट्रैवल एजेंसी वालों ने उसे पकड़ लिया है और छुट्टी में भारत आने से रोक रहे हैं।
उसने कहा, “मुझे बचाओ, वरना मैं आत्महत्या कर लूंगा।” ठग ने एक भारतीय ट्रैवल एजेंट का नंबर दिया, लेकिन वह नंबर काम नहीं कर रहा था।
इसके बाद वाट्सऐप कॉल के जरिए ठग ने madan सिंह से संपर्क किया और आनंद सिंह को जेल से बचाने के लिए 3.20 लाख रुपये की मांग की। डर और दबाव में आकर मदन सिंह ने अलग-अलग खातों में यह राशि ट्रांसफर कर दी।
इस तरह हुआ ठगी का खुलासा
पैसे ट्रांसफर करने के बाद मदन सिंह ने अपने भाई आनंद सिंह से संपर्क किया, तो पता चला कि उनके साथ कोई घटना नहीं हुई थी। यह पूरी साजिश साइबर अपराधियों की थी, जो फर्जी मैसेज और कॉल के जरिए ठगी कर रहे थे।
इसके बाद मदन सिंह ने रांची के साइबर थाना में शिकायत दर्ज की।