रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शनिवार को लातेहार के नेतरहाट में कहा कि नेतरहाट आवासीय विद्यालय ना सिर्फ झारखंड बल्कि देश के गौरवशाली और प्रख्यात विद्यालय के रूप में जाना जाता है।
इस विद्यालय का गौरव बताने की जरूरत नहीं है, सिर्फ थोड़ा आकार देने की जरूरत है, जिससे विश्व के पटल पर इस विद्यालय को पहचान दिलाई जा सके।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शनिवार को नेतरहाट आवासीय विद्यालय परिसर का निरीक्षण किया। विद्यालय परिवार की ओर से आयोजित अभिनंदन समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थापना काल से ही यह विद्यालय नई ऊंचाइयों को छू रहा है।
उन्होंने कहा कि इस पहचान को आगे भी कायम और संरक्षित रखना है। उन्होंने विश्वास दिलाते हुए कहा कि इस विद्यालय की समृद्ध व्यवस्था को बनाए रखने में सरकार पूरा सहयोग करेगी।
अभिनंदन समारोह में विद्यालय के प्राचार्य संतोष कुमार सिंह ने विद्यालय परिवार की ओर से मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन को स्मृति चिन्ह प्रदान किया। विद्यालय परिसर में मुख्यमंत्री ने पौधरोपण किया और लाइब्रेरी का भ्रमण किया।
मुख्यमंत्री ने कहा, लंबे अर्से बाद इस विद्यालय में आने का मौका मिला है। काफी समय से यहां आने की दिली ख्वाहिश थी, जो आज पूरी हुई। दूसरी बार यहां आकर काफी अच्छा लग रहा है। यह विद्यालय हमारे राज्य की शान है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नेतरहाट आवासीय विद्यालय अपने आप में अनूठा है। वर्ष 1954 में स्थापना के बाद से ही यह विद्यालय हर क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित करता आ रहा है।
इस विद्यालय का कैंपस 460 एकड़ में फैला हुआ है, जो कि देश में शायद ही किसी विद्यालय का होगा। उन्होंने कहा कि इस विद्यालय ने समावेशी शिक्षा के क्षेत्र में अलग पहचान बनाई है। अनुशासन और बेहतर व्यवस्था के लिए के लिए यह विद्यालय जाना जाता है।
मुख्यमंत्री ने इस विद्यालय की तारीफ करते हुए कहा कि यहां के विद्यार्थी हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रहे हैं। ये अपने साथ-साथ परिवार, समाज, राज्य और देश का भी नाम रोशन कर रहे हैं।
ऐसे संस्थानों को संरक्षित करने और बढ़ावा देने के लिए सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी।