चंडीगढ़ : केंद्र सरकार की तरफ से लागू किए गए कृषि कानून वापस न लेने के विरोध में गांव जैमल सिंह वाला में एक युवक ने घर में पंखे के साथ फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।
मृतक के पिता गुरचरन सिंह ने बताया कि उसके पुत्र सतवंत सिंह की 2 महीने पहले ही सगाई हुई थी।
वह कृषि कानूनों को लेकर किसान जत्थेबन्दी के साथ किसान आंदोलन में योगदान देता आ रहा था।
24 फरवरी को दिल्ली के टिकरी बॉर्डर से वापस आया था और गांव की पंचायत में बैठकर कह रहा था कि मोदी सरकार कृषि कानून रद्द न करके किसानों को बिना वजह परेशान कर रही है।
इससे अच्छा तो मर जाना चाहिए। वह लकड़ी का मिस्त्री था। उसके पास कोई जमीन-जायदाद नहीं थी परन्तु कृषि कानून रद्द न होने के कारण उसने आत्महत्या कर ली।
गांव के सरपंच सुखदीप सिंह, किसान जंथेबन्दी के गांधी सिंह ने पंजाब सरकार से मांग की कि जब तक शहीद हुए नौजवान के वारिसों को 10 लाख रुपए का मुआवजा, सरकारी नौकरी नहीं मिलती तब तक नौजवान का संस्कार नहीं किया जाएगा।
सहायक थानेदार गुरदीप सिंह का कहना है कि पारिवारिक सदस्यों के बयानों पर मामला दर्ज करके लाश 174 की कार्रवाई के लिए बरनाला भेज दी गई है।