नई दिल्ली: चीन सीमा विवाद को सुलझाने के लिए भारत के साथ बातचीत में लगा हुआ है।
इस बीच चीन 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ तेजी से रडार स्थापित कर रहा है।
भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर आठ महीने से गतिरोध कायम है।
दोनों देश सीमा विवाद को सुलझाने के लिए सैन्य और कूटनीतिक बातचीत में लगे हुए हैं।
दोनों देशों की सेना के बीच कोर कमांडर स्तर पर कुल आठ दौर की बातचीत हो चुकी है और नौवें दौर की वार्ता बहुत जल्द निर्धारित की जानी है।
दोनों देशों के बीच यह बातचीत आगे वाले स्थानों (फॉरवर्ड एरिया) से अपने सैनिकों को हटाने और शांति कायम रखने को लेकर चल रही है।
इस बीच आक्रामक रूप से विकसित बुनियादी ढांचे के अलावा अब चीन ने लद्दाख से लेकर सिक्किम क्षेत्र तक रडार लगाना शुरू कर दिया है।
शीर्ष सूत्रों ने कहा कि येचेंग में एक मध्यम आकार की इमारत और एक वॉच टॉवर की सूचना मिली है।
स्थापित रडार की संख्या भी तीन से बढ़कर चार हो गई है, जिसमें एक जेवाई-9 रडार, एक जेवाई-26 रडार, एक एचजीआर-105 रडार और एक जेएलसी-88बी रडार शामिल हैं।
पाली और फारी क्यारंग ला में, जो सिक्किम के विपरीत है, रडार स्थल क्यारंग ला से दो किलोमीटर पश्चिम में स्थित है और इसमें चार रडार शामिल हैं।
शीर्ष सूत्र ने कहा, यमद्रोक त्सो में बुनियादी ढांचे के विकास को निगरानी सुविधा (सर्विलांस फेसिलिटी) में देखा गया है, जो मध्य भूटान के विपरीत है।
तसोना के उत्तर-पूर्व में लगभग छह किलोमीटर की दूरी पर कुओना इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर स्टेशन है। इस साइट में तीन रेडोम्स, तीन रडार और पांच समर्थन इमारतें (सपोर्ट बिल्डिंग) हैं।
तसोना डीज हेली बेस के 2.6 किलोमीटर उत्तर पश्चिम में स्थित निगरानी सुविधा में बुनियादी ढांचे का विकास किया गया है।
सूत्रों ने बताया कि एक रेडोम स्थल किचेन त्शो से छह किलोमीटर दक्षिण पश्चिम में स्थित है। इसमें परिधि दीवार के भीतर रेडोम, कंट्रोल बिल्डिंग और एंटीना मास्ट शामिल हैं।
क्योमो डीज रडार साइट में एक दो-मंजिला इमारत, एक नियंत्रण भवन और एक मध्यम इमारत शामिल हैं, जिसमें यह सभी एक परिधि दीवार से घिरे हुए हैं।
सूत्र ने कहा, जेवाई-24 रडार साइट पर तैनात है।
इसके अलावा चीन नियंत्रण रेखा के साथ आक्रामक रूप से बुनियादी ढांचा विकसित कर रहा है।
एलएसी के विवादित स्थल काराकोरम दर्रा और रेचिन ला के पास चीन ने बुनियादी ढांचा विकसित किया है।
हालांकि भारत भी चीन की ओर से सीमा पर चल रही आक्रामक कार्रवाई पर पैनी नजर बनाए हुए है।