हजारीबाग/रांची: एक तरफ कोरोना संक्रमण के मामले फिर से लगातार बढ़ने लगे हैं, वहीं दूसरी ओर आम लोग लापरवाह होते दिख रहे हैं। इतना ही नहीं अस्पताल प्रबंधन भी इस मामले में घोर लापरवाही बरतने से बाज नहीं आ रहा।
शनिवार को अस्पताल प्रबंधन की घोर लापरवाही का मामला सामने आया।
शहर के खिरगांव भुइंया टोली स्थित 35 वर्षीय युवक की तबीयत खराब हुई। सुगर पेसेंट की तबीयत खराब होने के बाद उसे हजारीबाग एचजेडबी आरोग्यम में भर्ती कराया गया।
यहां उसकी स्थिति ठीक न होते देख उसे रांची रिम्स ले जाया गया।
उचित इलाज के अभाव में उसे गुरुनानक अस्पताल में भर्ती कराया गया। गुरुनानक अस्पताल में भर्ती में उसका इलाज किया गया।
शुक्रवार की रात चिकित्सकों ने उसकी हालत नाजुक बताई और शनिवार की सुबह उसकी मौत हो गई। मौत के बाद अस्पताल प्रबंधन ने मरीज के कोरोना संक्रमित होने की जानकारी दी।
हद तो तब हो गई, जब अस्पताल प्रबंधन ने बिना कोविड प्रोटोकाॅल का अनुपालन कर मरीज को कंबल में ही लपेट कर हजारीबाग भेज दिया।
आम तौर पर कोरोना संक्रमित होने पर शव को प्लास्टिक में रैप का कोविड प्रोटोकाॅल के तहत भेजा जाता है, लेकिन इसका अनुपालन अस्पताल प्रबंधन ने नहीं किया।
हजारीबाग में जानकारी मिलने पर शव को मुर्दा कल्याण समिति को सौंपा गया।
समिति के अध्यक्ष मो. खालिद ने कोविड प्रोटोकाॅल के तहत उसका अंतिम संस्कार कोनार पुल के पास स्थित श्मशान घाट पर किया।
रांची स्थित गुरुनानक अस्पताल प्रबंधन द्वारा कोविड प्रोटोकाॅल का अनुपालन नहीं किए जाने की चर्चा आम है।
कहा जा रहा है कि अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों के साथ साथ अन्यों में भी कोरोना संक्रमित फैलाने से संबंधित अपराध किया है।