नई दिल्ली : सीबीएसई बोर्ड का नया शैक्षिक सत्र शुरू होने वाला है। निजी स्कूलों ने जहां एडमिशन फार्म से लेकर एडमिशन फीस तक तय कर दी है।
वहीं, अभिभावक आने वाले मोटे खर्चे को लेकर टेंशन में आ गए हैं।
अभिभावकों का कहना है कि नामी सीबीएसई स्कूल का फार्म ही 1000 रुपये का है, जबकि एडमिशन फीस एक लाख पार कर गई है।
कोरोना काल में लोगों की आर्थिक रूप से कमर टूट चुकी है। स्कूलों को एडमिशन फीस और बाकी खर्चे माफ कर देने चाहिए।
इसके उलट कुछ स्कूल अतिरिक्त चार्ज कर अभिभावकों की जेब से पैसा लूटने में लगे हैं। जिले में सीबीएसई बोर्ड के स्कूलों की संख्या 168 हैं।
यहां यूकेजी से लेकर 12वीं तक 3 लाख से अधिक छात्र व छात्राएं अध्ययनरत हैं। पेरेंट्स एसोसिएशन नोएडा के अध्यक्ष यतेंद्र कसाना का कहना है कि लॉकडाउन में अभिभावकों की कमर टूट चुकी है।
स्कूल संचालकों को सोचने की जरूरत है कि कोरोना काल में बच्चों की या तो फीस माफी कर दी जाए या फिर छूट दे दी जाए।
इसके उलट छोटे स्कूलों ने 20 हजार रुपये तक एडमिशन फीस लेने की शुरुआत की हैं। वहीं नामी स्कूल की एडमिशन फीस तो एक लाख से भी अधिक है।
फार्म ही एक हजार रुपये का है। ऐसे संकट काल में कोई अभिभावक इतनी मोटी फीस वहन कर पाएगा। इसकी शिकायत शीर्ष अफसरों से की है।
उन्होंने कहा कि यदि कोई स्कूल फीस बढ़ाता है या मनमानी कर अन्य खर्चे वसूलता है तो संग़ठन इसका हर स्तर पर विरोध करेगा।