मुंबई: बांड बाजार से बेहतर रिटर्न मिलने की उम्मीदों और भूराजनीतिक तनाव के चलते बीते सप्ताह शेयर बाजार में बिकवाली का भारी दबाव रहा और निराशाजनक माहौल से बाजार फिलहाल उबरता नहीं दिख रहा है।
हालांकि, आगामी कारोबार सप्ताह प्रमुख आर्थिक आंकड़ों पर बाजार की प्रतिक्रिया देखने को मिलेगी।
खासतौर से बीते सप्ताह के आखिर में जारी हुए जीडीपी के आंकड़ों पर बाजार की प्रतिक्रिया अभी आना बाकी है।
वहीं, सप्ताह के आरंभ में सोमवार मार्केट मैन्युफैक्च रिंग पीएमआई के फरवरी महीने के आंकड़े जारी होंगे जबकि मार्केट सर्विसेज पीएमआई के आंकड़े बुधवार को जारी होंगे।
फिर एक मार्च यानी सोमवार से ही ऑटो कंपनियों की बिक्री के आंकड़े जारी होने लगेंगे। इन सारे आंकड़ों का असर घरेलू शेयर बाजार पर दिखेगा और इनसे बाजार को दिशा मिलेगी।
घरेलू आर्थिक आंकड़ों के साथ-साथ विदेशी आर्थिक आंकड़ों का भी बाजार पर असर देखने को मिलेगा। विशेष रूप से चीन, अमेरिका और यूरोप में जारी होने वाले प्रमुख आर्थिक आंकड़ें काफी मत्वपूर्ण होंगे।
सप्ताह के आरंभ में सोमवार को ही चीन में कैक्सिन मैन्युफैक्च रिंग पीएमआई के फरवरी महीने के आंकड़े जारी होंगे और इसी दिन अमेरिका और यूरोप मे भी मार्केट मैन्युफैक्च रिंग पीएमआई के फरवरी महीने के आंकड़े जारी होंगे।
अमेरिका में सप्ताह के आखिर में शुक्रवार को गैर-कृषि क्षेत्र के रोजगार के अहम आंकड़े जारी होंगे जिनका बाजार को इंतजार रहेगा।
जानकार बताते हैं कि बांड की यील्ड में जोरदार इजाफा होने से शेयर बाजार में जो बिकवाली का दबाव है वह फिलहाल रहेगा।
हालांकि शॉर्ट टर्म में गिरावट पर लिवाली और तेजी की स्थिति में बिकवाली बनी रहेगी।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के निवेश के प्रति रुझानों पर भी बाजार की नजर होगी।
बीते सप्ताह शुक्रवार को एफआईआई ने भारत के शेयर बाजार से 8,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम लिकाली।
अंतराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले देसी करेंसी रुपये की चाल पर भी निवेशकों की निगाहें टिकी रहेंगी।
बाजार विशेषज्ञ बताते हैं कि इस सप्ताह भी घरेलू शेयर बाजार की चाल मुख्य रूप से वैश्विक संकेतों से ही तय होगी।
हालांकि, घरेलू आर्थिक कारकों के साथ-साथ राजनीतिक घटनाक्रमों पर भी निवेशकों की नजर बनी रहेगी।
खासतौर से पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, केरल और पुडुचेरी में होने जा रहे विधानसभा चुनावों से जुड़ी राजनीतिक गतिविधियों पर बाजार की नजर बनी रहेगी।
इन पांचों राज्यों में 27 मार्च से 29 अप्रैल के दौरान मतदान होगा जबकि दो मई परिणाम आएंगे।