मुंबई : रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन मुकेश अंबानी के घर के बाहर एक गाड़ी मिले विस्फोटक को लेकर जांच अभी भी जारी है।
आतंकी संगठन जैश-उल-हिंद ने भी इस मामले से खुद को अलग कर लिया है। मुंबई पुलिस अब इस मामले में माओवादी ऐंगल को लेकर जांच में जुट गई है।
पुलिस को आशंका है कि मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक रखने के पीछे माओवादी संगठनों का भी हाथ हो सकता है।
बीती 25 फरवरी को मुकेश अंबानी के घर ऐंटीलिया के बाहर एक स्कॉर्पियो गाड़ी में विस्फोटक पदार्थ रखा मिला था।
28 फरवरी को जैश-उल-हिंद नाम का आतंकी संगठन उस वक्त चर्चा में आया जब टेलिग्राम पर एक पोस्ट में इस संगठन ने अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक रखने की जिम्मेदारी ली।
पोस्ट में यह भी कहा गया कि अगर मुकेश अंबानी संगठन की मांग नहीं मानेंगे तो उनके परिवार के सदस्यों को खतरा है। पोस्ट में यहां तक लिखा गया कि यह सिर्फ ट्रेलर है, पिक्चर अभी बाकी है।
हालांकि इसके बाद खुद मुंबई पुलिस ने एक बैनर जारी कर यह बताया था कि विस्फोटक रखने के पीछे जैश-उल-हिंद का हाथ नहीं है।
अंबानी के घर के बाहर 25 जिलेटिन स्टिक रखी गई थी, जिसका वजन ढाई किलो था। अब मुंबई पुलिस की शक की सुई माओवादी संगठनों पर आ गई है।
माओवादी संगठन भी हमले के लिए जिलेटिन स्टिक का इस्तेमाल करते हैं।
इतना ही नहीं अंबानी के घर के बाहर जो जिलेटिन स्टिक मिलीं, उन्हें नागपुर में जहां से खरीदा गया था वह माओवादियों का केंद्र माने जाने वाले गढ़चिरौली के पास है।
मुंबई पुलिस की एक थियोरी यह भी है कि दिल्ली में जारी किसान आंदोलन की वजह से अंबानी को अल्ट्रा लेफ्ट विंग संगठनों ने यह धमकी दी है।
दरअसल, लेफ्ट पार्टियां लगातार यह आरोप लगाती रही हैं कि कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग के लिए अंबानी ने किसानों से उनके खेत ले लिए।
अंबानी पहले ही यह साफ कर चुके हैं कि उनकी रुचि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में नहीं है। हालांकि, मुंबई पुलिस अभी तक इस मामले में खाली हाथ है।
मुकेश अंबानी के घर के बाहर ढाई किलो जिलेटिन स्टिक मिली थी। अगर यह फट जाता तो इसका असर 3 हजार वर्गफीट के इलाके में होता।
मुंबई पुलिस को स्कॉर्पियो गाड़ी से 4 नंबर प्लेट मिलीं हैं। इनमें से 3 नंबर प्लेट अंबानी के सुरक्षा काफिले की गाड़ियों जैसी हैं और एक नंबर प्लेट मुकेश अंबानी की पत्नी नीता अंबानी की गाड़ी जैसी है।