नई दिल्ली: टिहरी हाइड्रो पावर कॉर्पोरेशन को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है।
चीफ जस्टिस एसए बोब्डे की अध्यक्षता वाली बेंच ने पनबिजली परियोजना के लिए किसानों की जमीन अधिग्रहित करने और उसे दूसरे स्थान पर विकसित जमीन देने के साथ मुआवजे की राशि से विकास शुल्क काट लेने पर नाराजगी जताई।
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि भूमि अधिग्रहण अधिनियम के तहत जारी राशि में केवल वैधानिक कटौती की जा सकती है।
राज्य सरकार यह नहीं कह सकती है कि उसकी अपनी नीति है और इस प्रकार मुआवजा कम होगा, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने मुआवजा तय किया हो।