वॉशिंगटन: यूरोपीय स्पेस एजेंसी (ईएस) के साथ मिलकर अमेरिकी स्पेस एजेंसी (नासा) ने दुनिया भर में समंदर के बढ़ते स्तर पर नजर बनाए रखने के लिए एक उपग्रह को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है।
यूरोपीय-अमेरिकी जांच एजेंसी द्वारा संयुक्त रूप से निर्मित इस सैटेलाइट को शनिवार देर रात को कैलिफोर्निया में स्थित वैंडेनबर्ग एयर फोर्स बेस में लैंडिंग साइट स्पेस लॉन्च कॉम्प्लेक्स 4ई से स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट से लॉन्च किया गया।
इस उपग्रह का नाम सेंटिनल-6 माइकल फ्रीलिच है, जिसका आकार एक छोटे से पिकअप ट्रक के बराबर है।
इसकी मदद से समुद्र के बढ़ते स्तर के दस्तावेजीकरण करने के नासा के काम को लगभग तीस साल तक के लिए जारी रखा जाएगा।
सेंटिनल-6 मौसम की जानकारी देने के साथ ही तटों के पास शिप नेविगेशन को सपोर्ट करने के लिए समुद्र की धाराओं पर विस्तृत जानकारी प्रदान करेगा।
नासा के पृथ्वी विज्ञान प्रभाग के निदेशक करेन सेंट जर्मेन ने कहा, धरती बदल रही है और इसमें किस तरह का और कितना बदलाव आ रहा है, यह जानने में य सैटेलाइट हमारी मदद करेगा।
उन्होंने आगे कहा, धरती के बदलने की प्रक्रियाओं का प्रभाव वैश्विक रूप से समंदर के स्तर पर भी पड़ता है और स्थानीय समुदायों पर भी इसका पड़ने वाला प्रभाव व्यापक स्तर पर भिन्न है।
इन परिवर्तनों को समझने और दुनिया भर के तटीय समुदायों को इस बारे में बताने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग महत्वपूर्ण है।
अंतरिक्ष यान का नाम नासा के अर्थ साइंस डिवीजन के पूर्व निदेशक माइकल फ्रिलिच के सम्मान में रखा गया है, जो अंतरिक्ष से समुद्र की गतिविधियों पर नजर बनाए रखने वाले एक अग्रणी व्यक्ति थे।
वॉशिंगटन: यूरोपीय स्पेस एजेंसी (ईएस) के साथ मिलकर अमेरिकी स्पेस एजेंसी (नासा) ने दुनिया भर में समंदर के बढ़ते स्तर पर नजर बनाए रखने के लिए एक उपग्रह को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है।
यूरोपीय-अमेरिकी जांच एजेंसी द्वारा संयुक्त रूप से निर्मित इस सैटेलाइट को शनिवार देर रात को कैलिफोर्निया में स्थित वैंडेनबर्ग एयर फोर्स बेस में लैंडिंग साइट स्पेस लॉन्च कॉम्प्लेक्स 4ई से स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट से लॉन्च किया गया।
इस उपग्रह का नाम सेंटिनल-6 माइकल फ्रीलिच है, जिसका आकार एक छोटे से पिकअप ट्रक के बराबर है।
इसकी मदद से समुद्र के बढ़ते स्तर के दस्तावेजीकरण करने के नासा के काम को लगभग तीस साल तक के लिए जारी रखा जाएगा।
सेंटिनल-6 मौसम की जानकारी देने के साथ ही तटों के पास शिप नेविगेशन को सपोर्ट करने के लिए समुद्र की धाराओं पर विस्तृत जानकारी प्रदान करेगा।
नासा के पृथ्वी विज्ञान प्रभाग के निदेशक करेन सेंट जर्मेन ने कहा, धरती बदल रही है और इसमें किस तरह का और कितना बदलाव आ रहा है, यह जानने में य सैटेलाइट हमारी मदद करेगा।
उन्होंने आगे कहा, धरती के बदलने की प्रक्रियाओं का प्रभाव वैश्विक रूप से समंदर के स्तर पर भी पड़ता है और स्थानीय समुदायों पर भी इसका पड़ने वाला प्रभाव व्यापक स्तर पर भिन्न है।
इन परिवर्तनों को समझने और दुनिया भर के तटीय समुदायों को इस बारे में बताने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग महत्वपूर्ण है।
अंतरिक्ष यान का नाम नासा के अर्थ साइंस डिवीजन के पूर्व निदेशक माइकल फ्रिलिच के सम्मान में रखा गया है, जो अंतरिक्ष से समुद्र की गतिविधियों पर नजर बनाए रखने वाले एक अग्रणी व्यक्ति थे।