काबुल : अफगानिस्तान में फरवरी में हुए हमलों में लगभग 60 लोगों की जान गई थी। इस बारे में आधिकारिक आंकड़ा बुधवार को जारी किया गया।
25 फरवरी को, घोर प्रांत में बंदूक से किए गए हमले में पत्रकार बिस्मिल्लाह आदिल ऐमैक के परिवार के तीन लोग मारे गए।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी की शुरुआत में आतंकवादियों द्वारा आइमाक को मार दिया गया था।
उसी दिन शहर की राजधानी गजनी में एक वरिष्ठ प्रांतीय अधिकारी मोहम्मद मूसा अखलाकी भी एक सड़क किनारे मारे गए थे।
राष्ट्रपति अशरफ गनी के सलाहकार कमरुद्दीन शिनवारी की आठ वर्षीय पोती की हत्या कर दी गई थी और 24 फरवरी को काबुल में हुए हमले में उनके बेटे और उनके ड्राइवर घायल हो गए थे।
वहीं, 22 फरवरी को बल्ख प्रांत के शूलगारा जिले में बंदूकधारियों द्वारा पोल्ट्री फार्म के मालिक मोहम्मद नसीम को उनके दो श्रमिकों के साथ मार दिया गया था।
17 फरवरी को कंधार प्रांत में गोलीबारी के दौरान एक सुरक्षा गार्ड और उसके पिता की जान चली गई थी।
आंतरिक मंत्रालय के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि, काबुल में एक सड़क किनारे बम विस्फोट में दो पुलिसकर्मी और एक बच्चे की मौत हो गई थी।
जबकि 21 फरवरी को हुए हमले में एक मां और उसकी दो बेटियों सहित पांच लोग घायल हो गए थे।
18 फरवरी को काबुल विश्वविद्यालय के शिक्षक मुबाशीर मुस्लिम और एक राहगीर की मौत हो गई थी, जबकि उनका वाहन राजधानी शहर में हुए एक बम हमले में नष्ट हो गया था।
काबुल के बागरामी जिले में एक पिता और उनके बेटे, दोनों को अफगान सुरक्षा बलों के सदस्यों ने 17 फरवरी को गोली मारकर हत्या कर दी थी।
फरवरी में ही नंगरहार प्रांत की राजधानी जलालाबाद में एक ही दिन में अलग-अलग जगह हुई गोलीबारी में आठ लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए थे।
एक आदिवासी बुजुर्ग और उसके दोस्त की हत्या के एक दिन बाद 11 फरवरी को कंधार शहर में एक पुलिसकर्मी की हत्या कर दी गई थी।
10 फरवरी को, काबुल में पीडी 5 के पुलिस प्रमुख कर्नल मोहम्मदजई कोचाई और उनके सहयोगी सड़क किनारे हुए बम विस्फोट में मारे गए थे।
काबुल के पीडी 5 एक सरकारी मंत्रालय के चार कर्मचारियों को सड़क पर उनके वाहन के अंदर ही गोली मारकर हत्या कर दी गई।
2 फरवरी को काबुल में चार अलग-अलग बम विस्फोट हुए, जिसमें कई लोग मारे गए और कई घायल हुए। एक हमले में, राजनीतिक पार्टी जमीयत-ए-एस्लाह अफगानिस्तान के अध्यक्ष मोहम्मद हतीफ और एक नागरिक को मार दिया गया और पांच अन्य लोग घायल हो गए।
फरवरी में कंधार, गजनी, परवन, हेरात, काबुल, बल्ख, नांगरहार, ताखर और हेलमंद प्रांतों में हुए हमलों में 20 लोग मारे गए थे।
तालिबान और इस्लामिक स्टेट (आईएस) के आतंकवादियों ने हाल के वर्षों में नागरिकों और सैन्य अधिकारियों को टारगेट कर हमले किए हैं।
वे सरकार, नाटो और अमेरिका के नेतृत्व वाली सेना के लिए काम करने वाले किसी को भी लक्ष्य मानते हैं।
इस साल जनवरी में ही घात लगाकर किए गए हमलों में 50 से अधिक लोग मारे गए थे