रांची: झारखंड विधानसभा में वर्ष 2021-22 के लिए पेश बजट को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मील का पत्थर करार देते हुए कहा कि इस बार सिर्फ तत्कालीन लाभ को ध्यान में रखकर नहीं, बल्कि भविष्य को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।
राज्य सरकार दीर्घकालीन योजना को ध्यान में रखकर आगे बढ़ रही है। इसका परिणाम भी दूरगामी होगा। वे बुधवार को विधानसभा के बाहर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि 20 वर्षों में इस राज्य के लिए जो भी नीति निर्धारण हुए, वे सभी तत्कालीन लाभ के लिए रहे। लेकिन, इस बार सरकार ने आउटकम बजट का भी प्रावधान किया है।
इसका उद्देश्य सिर्फ बजट बनाना नहीं है, बल्कि परिणाम भी देखना चाहते है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने चरणबद्ध तरीके से चीजों को आगे बढ़ाने का निर्णय किया है।
उन्होंने कहा कि बजट का आकार पिछले वर्ष से कुछ बढ़ा है। इसका मतलब है कि सरकार ने कुछ चीजों को लेकर प्राथमिकता तय की है। आने वाले समय में इन चीजों का प्रभाव दिखेगा।
ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों का आर्थिक सुदृढ़ीकरण कैसे हो, इसके क्या-क्या आयाम हो सकते हैं, इस बजट के बाद नयी कार्यपद्धति के साथ आगे बढ़ने का निश्चय किया गया है।
भाजपा विधायकों के बजट भाषण पर पूछे गये एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष के पास कुछ बचा नहीं है। लंबे समय तक सत्ता में रहने के दौरान भाजपा ने राज्य को दलदल में ढकेल दिया था।
अब सरकार ने साफ तरीके से राज्य को एक दिशा में ले जाने का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि यह रोजगार उपलब्ध कराने का वर्ष होगा। इस दिशा में लगातार काम किया जा रहा है।