धनबाद: पुराना बाजार की एक युवती के अपहरण व दुष्कर्म के दो साल पुराने मामले में धनबाद के कई पुलिस पदाधिकारियों की गर्दन फंस चुकी है।
मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की जांच रिपोर्ट पर पूर्व महिला थाना प्रभारी एम गुड़िया के खिलाफ धनबाद थाना में दुष्कर्म पीड़िता की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज नहीं करने को लेकर धारा 166 ए भादवि के तहत एफआईआर दर्ज हुई है।
वहीं, बैंकमोड़ के पूर्व थाना प्रभारी सुरेंद्र सिंह तथा उसी थाना के एक तत्कालीन दारोगा आमोद साहू के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई का आदेश हुआ है।
पुलिस मुख्यालय ने किया शोकॉज
इतना ही नहीं, तत्कालीन डीएसपी मुकेश कुमार व एसएसपी किशोर कौशल से भी एनएचआरसी की रिपोर्ट पर शोकॉज का आदेश पुलिस मुख्यालय ने जारी किया है।
मुख्यालय के आदेश पर डीआइजी ने थानेदार, दारोगा के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दे दिया है।
वहीं महिला थाना प्रभारी के खिलाफ महत्वपूर्ण सूचना पर कार्रवाई नहीं करने से संबंधित धनबाद थाना में प्राथमिकी दर्ज हुई है।
यह है मामला
वर्ष 2019 में जब बैंकमोड़ थाना प्रभारी सुरेंद्र सिंह थे। उसी वक्त पुराना बाजार क्षेत्र से एक किशोरी के अपहरण की शिकायत उसके परिजनों ने बैंकमोड़ थाना में की थी।
पुलिस छानबीन कर रही थी। इसी बीच पीड़िता महिला थाना पहुंची और एक युवक के खिलाफ अपहरण कर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया। आरोपित युवक सरायढेला थाना क्षेत्र का रहनेवाला था।
महिला थाना की पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की।
बल्कि इस मामले को भी समझौता कराने का प्रयास किया। इसी बात पर पीड़िता के परिजनों ने मामले को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक पहुंचा दिया।
आयोग की जांच कर कार्रवाई
एनएचआरसी की टीम पूरे मामले की जांच करने धनबाद पहुंच गई। इस दौरान टीम ने बैंकमोड़ थाना प्रभारी सुरेंद्र सिंह, महिला थाना प्रभारी एम गुडिया समेत कई पुलिस पदाधिकारियों का बयान लिया।
एनएचआरसी की जांच में जिला पुलिस की लापरवाही उजागर हुई। एनएचआरसी की रिपोर्ट पर ही पुलिस मुख्यालय ने उपरोक्त पुलिस पदाधिकारियों पर कार्रवाई का आदेश जारी किया है।
तत्कालीन एसएसपी व डीएसपी विधि व्यवस्था से शोकॉज के लिए डीआइजी से कहा है।