नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को निर्देश दिया है कि वो 26 जनवरी को दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान मृत किसान नवनीत सिंह की पोस्टमार्टम और जांच रिपोर्ट जांच अधिकारी को सौंपे।
जस्टिस योगेश खन्ना ने इस मामले पर अगली सुनवाई 17 मार्च को करने का आदेश दिया।
सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से वकील राहुल मेहरा ने कहा कि इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर दी गई है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस ने यूपी पुलिस से जांच रिपोर्ट के कुछ तथ्यों को उपलब्ध कराने के लिए कई बार आग्रह किया। इस पर यूपी पुलिस की ओर से वकील गरिमा प्रसाद ने कहा कि हम हर समय पोस्टमार्टम रिपोर्ट और जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा कि यूपी सरकार ने केवल एक्स-रे प्लेट उपलब्ध नहीं करवायी है।
एक्स-रे प्लेट रिपोर्ट नहीं है, वह महज एक प्लेट है, जो अस्पताल में पड़ी हुई है।
पोस्टमार्टम की ओरिजिनल रिकॉर्डिंग है। गरिमा प्रसाद ने कहा कि यूपी पुलिस ने दिल्ली पुलिस और याचिकाकर्ता को हरसंभव सहयोग किया है।
सुनवाई के दौरान राहुल मेहरा ने स्टेटस रिपोर्ट के कुछ पैराग्राफ को पढ़ते हुए कहा कि उसमें कुछ तथ्य हैं ही नहीं।
इस पर याचिकाकर्ता की ओर से वकील वृंदा ग्रोवर ने कहा कि वे मेहरा की दलीलों से सहमत हैं।
इस पर गरिमा प्रसाद ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने यूपी पुलिस के पास शव भेजा और यूपी पुलिस ने दो बजे रात में आपात पोस्टमार्टम किया। यूपी पुलिस ने हरसंभव सहयोग किया है।
तब मेहरा ने कहा कि पुलिस अधीक्षक दिल्ली हाईकोर्ट के आदेशों के मुताबिक सहयोग नहीं कर रहे हैं।
तब वृंदा ग्रोवर ने एक फैसले को उद्धृत करते हुए कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट और वीडियो केस में महत्वपूर्ण साक्ष्य होते हैं।
पिछले 26 फरवरी को सुनवाई के दौरान दिल्ली और उत्तर प्रदेश की पुलिस ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया था कि नवनीत सिंह की मौत गोली लगने से नहीं हुई थी।
दिल्ली और यूपी सरकारों की पुलिस ने ये दावा नवनीत सिंह के शव का पोस्टमार्टम और एक्स-रे रिपोर्ट के आधार पर किया। नवनीत सिंह का पोस्टमार्टम यूपी के रामपुर के जिला अस्पताल में कराया गया था।
दिल्ली पुलिस ने कहा था कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक नवनीत सिंह की मौत सिर में चोट लगने से हुई थी।
रिपोर्ट के मुताबिक ऐसी चोट सड़क हादसे के दौरान ही संभव है।
दिल्ली पुलिस ने घटना के दिन दीनदयाल उपाध्याय मार्ग के सीसीटीवी फुटेज को भी आधार बनाया है।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज में पुलिसकर्मी तेज ट्रैक्टर से अपनी जान बचाने को भागते हुए दिख रहे हैं।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि प्रदर्शनकारी नवनीत सिंह के घायल होने पर किसी नजदीकी अस्पताल में ले जाने की बजाय मौके पर पहुंची एंबुलेंस पर हमला कर दिया।
दिल्ली पुलिस के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने नवनीत सिंह के शरीर को सड़क पर पांच घंटे तक रखा और उसके बाद ये अफवाह फैलाई गई कि पुलिस की फायरिंग में मौत हो गई।
याचिका नवनीत सिंह के दादा ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि नवनीत सिंह के पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बारे में मीडिया में जो खबरें आईं, उसके मुताबिक नवनीत सिंह की मौत गोली लगने से हुई।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक नवनीत सिंह को जो जख्म लगे हैं, वे ट्रैक्टर के उलटने से नहीं हैं, जैसा कि पुलिस अधिकारियों की ओर से बार-बार कहा जा रहा है।
ऐसे में दिल्ली पुलिस के बयान पर भरोसा नहीं किया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान आईटीओ के पास एक ट्रैक्टर बैरिकेड को तोड़ते हुए आगे बढ़ गया, जिसके बाद चालक ट्रैक्टर के साथ उलट गया।
इस मामले में दिल्ली पुलिस ने एक सीसीटीवी फुटेज जारी किया था।
26 जनवरी को दिल्ली के कुछ स्थानों पर प्रदर्शनकारियों और पुलिस में हिंसक झड़पें हुईं थीं। उस दौरान लालकिला परिसर में भी कुछ लोग घुस गए और झंडा फहरा दिया।