रांची: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के छठे दिन शुक्रवार को आम बजट पर पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने लंबी चर्चा की। चर्चा के दौरान जहां सत्ता पक्ष के विधायकों ने इसे सराहा, वहीं विपक्षी विधायकों ने इसकी आलोचना की।
विधायक सरयू राय ने इसे सुंदर पर अव्यवहारिक बजट करार दिया तो सुदेश ने इसमें दूरदृष्टि का अभाव बताया।
इस दौरान बयानों के तीर चले तो चुटकियां भी ली गयीं।
विपक्ष ने आधे-अधूरे मन से सरना धर्मकोड का समर्थन किया। सुदिव्य कुमार सोनू दूसरी पाली में आम बजट पर चर्चा के दौरान विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को लेकर पहली रेल झारखंड के लिए चली।
झारखंड की वह पहला राज्य जिसने एयरलिफ्ट कर मजदूर भाईयों को राज्य बुलाया।
झारखंड देश के 11 करोड़ आदिवासियों के साथ सरना धर्म कोड की मांग को लेकर खड़ा रहा।
पर विपक्ष ने आधे-अधूरे मन से सरना धर्म कोड का समर्थन किया।
सुदिव्य ने कहा कि दिल्ली की सीमा पर जो हजारों किसान आंदोलनरत हैं उन्हें भाजपा खालिस्तानी बताती है, वहीं आदिवासियों को नक्सली कहा जाता है। चर्चा के दौरान उन्होंने महाभारत की कथा का जिक्र किया।
असत्य कह रहे हैं सुदिव्य कुमार सोनू: सीपी सिंह
सीपी सिंह ने कहा किसुदिव्य कुमार सोनू असत्य कह रहे हैं। पूरे विपक्ष ने सदन में चिल्ला-चिल्ला कर सदन में कहा कि सरना धर्म कोड का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास माना जाये।
इसके अलावा सिंह ने विधानसभाध्यक्ष से कहा कि विपक्ष को जो लॉबी आवंटित की गयी है उसमें दो ओर से दरवाजा है, ऐसे में वहां भीड़ लगी रहती है।
उन्होंने सत्ता पक्ष और विपक्ष की महिला विधायकों के लिए अलग कक्ष का आवंटन करने की मांग की।
निराशाजनक है आम बजट: रामचंद्र चंद्रवंशी
बजट पर चर्चा के दौरान विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि हंसुआ के ब्याह में खुरपी का गीत गाया जा रहा है।
आम बजट निराशाजनक है। बजट में राजस्व कहां से आयेगा इसका कोई जिक्र नहीं है। उन्होंने कहा कि जब राज्य में बड़े उद्योग नहीं लगेंगे तो लोगों को रोजगार कहां से मिलेगा।
सभी वर्गों के विकास का बजट: अंबा प्रसाद
बजट पर चर्चा के दौरान विधायक अंबा प्रसाद ने कहा कि आम बजट के जरिये राज्य वासियों के लिए आशा की नयी किरण लेकर सरकार आयी है। बजट मेें समाज के सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है।
हमारी सरकार किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है। पूर्व की भाजपा सरकार की तरह हम सिर्फ बातें नहीं करते।
केंद्र सरकार खैरात में पैसा नहीं दे रही है: प्रदीप यादव
बजट पर चर्चा के दौरान विधायक प्रदीप यादप ने कहा कि ऐसी परिपाटी है कि जिस दिन बजट आता है उसपर कोई चर्चा नहीं होती है पर विपक्षी विधायकों ने उस दिन समानांतर बजट पढ़ा।
ऐसा पहले नहीं हुआ, यही नहीं तीन-तीन सीटियां भी बजी।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राज्य को खैरात में पैसा नहीं दे रही है।
उन्होंने विपक्षी विधायकों पर निशाना साधते हुए कहा कि ये कॉरपोरेट कंपनियों के एजेंट हैं।
बजट में दूरदृष्टि नहीं झलकती: सुदेश महतो
बजट पर चर्चा के दौरान सिल्ली विधायक सुदेश महतो ने कहा कि बजट में दूरदृष्टि का अभाव है। उन्होंने कहा कि गांव के गलियारों में जो भविष्य गढ़ा जा रहा है, फोकस वहां होना चाहिए।
राज्य की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की पहल की जानी चाहिए। सरकार ने 100 यूनिट बिजली फ्री करने का वादा किया था पर यह भी नहीं हो पाया। पांच लाख नौकरियां देने के वादे का स्रोत भी सरकार बता नहीं पा रही है।
धनबाद में भी एक हवाई अड्डा बनाया जाये: मथुरा महतो
बजट पर चर्चा के दौरान विधायक मथुरा महतो ने धनबाद में हवाई अड्डा बनाने की मांग की। उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार में पहली बार रैयतों को उनकी जमीन वापस की गयी है।
चंपई सोरेन के नेतृत्व में रैयतों की जमीन वापसी को उन्होंने सराहनीय बताया और कहा कि हेमंत सरकार में विस्थापितों की सुध ली गयी है।
विपक्ष को लोकतंत्र का पाठ पढ़ाया गया: भानु प्रताप शाही
बजट पर चर्चा के दौरान विधायक भानु प्रताप शाही ने कहा कि बजट पर भाषण सुन रहा था। इसमें बजट से ज्यादा विपक्ष को लोकतंत्र का पाठ कैसे पढ़ाया जाये, इसपर जोर था।
ऐसा लग रहा था कि विपक्ष को लोकतंत्र की कोई जानकारी ही नहीं है।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के तीन स्तंभ होते हैं। उन्होंने कहा कि यह सरकार लोकतंत्र का गला घोंटनेवाली सरकार है।
सरकार ने मनरेगा की मजदूरी बढ़ायी: पूर्णिमा नीरज सिंह
बजट पर चर्चा के दौरान विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह ने इसकी सराहना की। उन्होंने कहा कि फूलो-झानो आशीर्वाद योजना से हड़िया-दारु बेचनेवाली महिलाओं को आजीविका के साधन दिये गये।
उन्होंने कहा कि विपक्ष कहता है कि किसानों का लोन कहां माफ हुआ, उन्हें यह बताना चाहिए कि वर्ष 2019 में किसानों को मोबाइल फोन देने की बात कही गयी थी क्या वह उन्हें दिया गया।
विपक्षी विधायकों ने सदन के बाहर किया प्रदर्शन
विधानसभा की कार्यवाही शुक्रवार को शुरु होने से पहले विपक्षी विधायकों ने प्रदर्शन किया। भाजपा विधायक विरंची नारायण, राज सिन्हा, अमर बाउरी, अनंत ओझा और अन्य ने तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन के दौरान विधायक अनंत ओझा ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बदतर है। इस दौरान विपक्षी विधायकों ने जो सरकार निकम्मी है वह सरकार बदलनी है जैसे नारे लगाये।