रांची : मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि झारखण्ड में वे सभी आवश्यक एवं मूलभूत सुविधायें मौजूद हैं, जो एक उद्योग की स्थापना के लिये जरूरी होती हैं।
झारखंड में किसी भी चीज की कमी नहीं है। कमी है तो बस उन्हें तराशने की, उनका मूल्य संवर्धन करने की।
उन्होंने कहा कि अगर हम अपने राज्य में मौजूद संसाधनों का मूल्य संवर्धन कर पायें तो झारखण्ड को देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में खड़ा कर पायेंगें और इसमें उद्योग जगत के लोगों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
मुख्यमंत्री शनिवार को उद्योग विभाग, झारखण्ड सरकार के तत्वावधान में ताज पैलेस, नई दिल्ली में आयोजित स्टेकहोल्डर कॉन्फ्रेंस में बोल रहे थे।
कई उद्योगों की शुरुआत का साक्षी रहा
झारखण्ड मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में मौजूद खनिज संपदा से झारखंड की अलग पहचान तो है ही साथ ही यहां स्थापित उद्योगों ने भी झारखंड को देश सहित विश्व में भी एक अलग पहचान दिलायी है।
कई उद्योगों का उदय झारखण्ड से ही हुआ है। एशिया का सबसे बड़ा स्टील उद्योग झारखण्ड में ही लगा। एचईसी, टाटा स्टील, बोकारो स्टील प्लांट सहित कई उद्योगों की स्थापना झारखंड में ही हुई।
पहली बार खाद फर्टिलाइजर फैक्ट्री भी झारखण्ड में ही लगी। सरकार आपको आश्वस्त करती है कि आप झारखण्ड में आयें और उद्योगों की स्थापना करें।
सरकार आपके साथ खड़े होकर उद्योगों की स्थापना करने में आपकी मदद करेगी।
कई अन्य सेक्टरों में भी उद्योग की संभावनाओं की तलाश
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखण्ड में आने वाले समय में कुछ ऐसी व्यवस्थायें स्थापित की जायेंगी, जिससे झारखण्ड के विकास को एक नई दिशा मिलेगी।
समाज के हर तबके को इससे लाभ होगा। माईन्स एवं मिनरल्स सेक्टर तो उद्योगों की स्थापना के लिये तो हैं ही साथ ही अन्य क्षेत्रों की ओर भी सरकार काम कर रही है।
चाहे वो एग्रीकल्चर के क्षेत्र में हो, मोटर वेहिक्ल्स, इलेक्ट्रॉनिक मैनूफैक्चरिंग के क्षेत्र हों या फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में संभावनाएं अपार हैं। आवश्यकता है, इन्हें बढ़ावा देने की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखण्ड प्राकृतिक संसाधनों में ही अग्रणी नहीं है, बल्कि झारखण्ड में प्राकृतिक सुंदरता भी है। राज्य पर्यटन के क्षेत्र में भी तेजी से विकास की ओर बढ़ रहा है।
पर्यटन के क्षेत्र में तमाम संभावनाओं पर काम किया जा रहा है। इसमें भी रोजगार के अवसर तलाशे जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं नई-नई चीजों पर काम करने पर ज्यादा फोकस करता हूं।
हमारे राज्य के युवाओं में कुशलता की कमी नहीं हैं। खेल के क्षेत्र में झारखण्ड के युवा देश-विदेश में परचम लहरा रहे हैं। झारखण्ड में हॉकी और फुटबॉल के क्षेत्र में भी निवेश किया जा सकता है।
जलमार्ग का भी विकल्प है
झारखण्ड के पास मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जलमार्ग भी सुगम है। बंगाल में हल्दिया पोर्ट भी है जो रांची से मात्र 250 किमी की दूरी पर है।
पारादीप है जो 400 किमी और साहेबगंज में गंगा नदी पर निर्माणाधीन पोर्ट है, जो जल्द ही शुरू हो जायेगा। यह रांची से मात्र 350 किमी की दूरी पर है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा राज्य में एयर कार्गो के लिए भी जगह चिन्हित किया गया है। राज्य में एयर कार्गो के लिये भी संभावनाएं तलाश की जा रही है और हम इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में किसी चीज की कमी नहीं है। बस थोड़ी इच्छाशक्ति की आवश्यकता है। मैंने जो बंडी पहनी है, यह किसी डिजाइनर ने तैयार नहीं की है, बल्कि हमारे राज्य की महिलाओं ने बनाया है।
लेकिन किसी माहिर डिजाइनर की तरह नहीं है। इसे थोड़ा सा और तराशा जाये तो और भी बेहतर हो सकता है। बस हमें इसी इच्छाशक्ति की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी सुझाव दें और अपने आइडिया शेयर करें।
कहीं भी कोई समस्या हो, दिक्कत आये तो बात करें। सरकार आपके साथ खड़ी है। राज्य में उद्योग की स्थापना एवं विकास की ओर हम मिल कर आगे बढ़ेंगे। यहां बिजली, पानी, जमीन, प्राकृतिक संसाधन और मानव संसाधन हैं।
खनिज संपदा से परिपूर्ण है झारखण्ड
मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने कहा कि हमारा राज्य एक मिनरल रिच स्टेट है। कोयला, लोहा, यूरेनियम, सोना ये सब हमारे राज्य की संपदा हैं।
किंबरलाइट जैसे पत्थर जिनमें हीरा निकलने की संभावना होती है वो गुमला और लोहरदग्गा में पाए गए हैं। ये हमारी ताकत है।
आपको भरोसा नहीं होगा कि देश का 36 प्रतिशत कोयला संपदा झारखण्ड में है, 90 प्रतिशत कोकिंग कोल झारखण्ड में मिलता है।
अगर आप लौह अयस्क की बात करेंगे तो मुझे लगता है हम इस क्षेत्र में अग्रणी राज्य झारखण्ड है। आज झारखण्ड में टाटा, बोकारो स्टील, हैवी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन जैसी इंडस्ट्री चल रही है।
कोई भी इन्वेस्टर अगर मिनरल बेस्ड इंडस्ट्री लगाना चाहते हैं तो हम उनका तहे दिल से स्वागत करते हैं।
मुख्य सचिव ने कहा कि कनेक्टिविटी का बात करें तो हमारे राज्य के 24 में से 22 जिले दूसरे राज्यों की सीमाओं से घिरे हैं।
हमारे पास रेल, रोड और एयर कनेक्टिविटी की सुविधा है। 22,000 किमी रोड नेटवर्क, 23 राष्ट्रीय राजमार्ग हमारे राज्य से अलग-अलग हिस्सों में बिछे हुए हैं।
जीटी रोड हमारे राज्य से होकर गुजरती है। डेडिकेटेड फ्रेट कोरिडोर भी झारखण्ड से होकर गुजरने वाली है। यहां तक कि जलमार्ग के जरिए भी परिवहन का संसाधन हमारे राज्य में उपलब्ध हैं।
मुख्य सचिव ने बताया कि झारखण्ड में प्रचूर मात्रा में ऊर्जा संसाधन उपलब्ध है। कोयला उत्पादन के क्षेत्र में अग्रणी राज्य होने की वजह से हमारे राज्य में विद्युत उत्पादन प्रचूर मात्रा में हो रहा है।
कई विद्युत उत्पादन प्लांट हमारे राज्य में कार्यरत हैं। बहुत जल्द चतरा के टंडवा में 1000 मेगावाट पावर उत्पादन प्लांट शुरू किया जाएगा। इसके अतिरिक्त पतरातू में 4000 मेगावाट पावर प्लांट भी शुरू होने वाला है।
जल संसाधन के मामले में भी झारखण्ड अग्रणी है। हमारे राज्य में गंगा, दामोदर, महानदी जैसी बड़ी नदियां सहित कई सहायक नदियां बहती हैं। इसलिए जल संसाधन किसी भी तरह से इंडस्ट्रीयल यूनिट के लिए कोई समस्या नहीं होगी।
नक्सलवाद की समस्या अपने अंतिम चरण में
मुख्य सचिव ने कहा कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के बारे में बात करें तो हमारा राज्य लगातार वर्षों से देशभर में पांचवें या छठे नंबर पर रहा है। सभी प्रकार के क्लियरेंस ऑनलाइन दिए जाने की सुविधा है।
हम इसे और भी बेहतर करने में लगे हैं। इसे एक सिंगल विंडो सिस्टम में तब्दील किया जा रहा है। हमारे राज्य में 33 प्रतिशत से ज्यादा भूखण्ड जंगलों से आच्छादित है।
हम देशभर में सबसे ज्यादा मात्रा में लाह का उत्पादन करते हैं लेकिन हमारे राज्य में लाह के प्रसंस्करण के लिए कोई सुविधा नहीं है।
फूड प्रोसेसिंग यूनिट के लिए भी झारखंड में संभावनाएं है। इसके लिए झारखण्ड एक आदर्श राज्य है।निवेशकों के लिए झारखण्ड एक बेहद ही सुरक्षित राज्य है।
कुछ जिलों के सुदूरवर्ती इलाकों में नक्सलवाद की समस्या है जो कि अपने अंतिम चरण में है। लेकिन राज्य सरकार इस समस्या को पूर्ण रूप से समाधान करने के लिए तैयार है।
इजराइली लेखक हरारी ने कहा था, किसी देश का विकास इसकी संपदा पर निर्भर नहीं करता बल्कि कैपिटल इनफ्लो पर निर्भर करता है और कैपीटल इन्फ्लो तीन चिजों पर निर्भर होती है- लेजीटिमेसी ऑफ गवर्नमेंट, इन्फॉर्सिबिलिटी ऑफ कॉन्ट्रैक्ट लॉ और न्यायपालिका के इंडिपेंडेंस पर।
आपको झारखण्ड में ये सभी चिजें मिलेंगी।
इस मौके पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, उद्योग सचिव पूजा सिंघल, रेजिडेंट कमिश्नर झारखण्ड भवन दिल्ली मस्तराम मीणा, निदेशक उद्योग जितेंद्र सिंह और देश के विभिन्न हिस्सों से आये उद्योगपति उपस्थित थे।