गाजीपुर बॉर्डर: कृषि कानून के खिलाफ राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के आंदोलन को 100दिन से अधिक समय हो चुका है।
आंदोलन स्थल पर पुरुष, बच्चे और महिलाओं ने डेरा डाला हुआ है। अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर गाजीपुर बॉर्डर महिलाओं ने आंदोलन की कमान संभाली।
बॉर्डर पर लंगर सेवा हो या मंच का संचालन पूर्ण रूप से सुबह से ही आज आंदोलन स्थल पर महिलाएं गरजती हुई नजर आईं। बॉर्डर पर मंच की कमान संभाल रही महिलाओं ने अपने हाथों पर इंकलाबी मेहंदी लगवाई, वहीं 17 महिलाएं अनशन पर भी बैठी हुई हैं।
महिलाओं ने हाथों पर कृषि विषय से सम्बंधित मेहंदी लगाई है, बॉर्डर पर बैठी महिलाओं के अनुसार, घर का किचन हो या बच्चों की पढ़ाई, पूरे तालमेल के साथ जीवन व्यतीत करती हैं, वहीं आंदोलन को भी उसी तालमेल के साथ संभाला जा रहा है, मौजूदा वक्त में देश की आधी आबादी अपना हक चाहती है।
मंच पर मौजूद महिला हर्षमन कौर ने बताया, महिला दिवस के दिन किसानी करने वाली महिलाएं मंच पर मौजूद हैं, वहीं अनशन पर भी महिला बैठी हैं।
हमने हाथों पर मेहंदी लगाई है, मेहंदी सिर्फ सौंदर्य करण का साधन नहीं है। हमने आंदोलन से जुड़े विषयों को लगाया है।
आंदोलन में मौजूद महिलाओं ने आज अपने हाथों पर इंकलाबी मेहंदी लगाकर अपने हक की आवाज उठाने की कोशिश की है।
महिलाओं ने हाथों पर मेहंदी से किसानों की एकता और आंदोलन के इंकलाबी नारे लिखे हैं। आज के दिन वक्ता भी महिला हैं।