रांची: झारखण्ड की राजधानी रांची में गेल ने पाइपलाइन के जरिये 1500 घरेलु पीएनजी कनेक्शन उपलब्ध कराये हैं, जिनमें से फिलहाल 960 परिवार पाइपलाइन से पहुंच रही रसोई गैस का इस्तेमाल कर रहे हैं।
राज्यसभा में सांसद महेश पोद्दार के प्रश्न का उत्तर देते हुए पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने यह जानकारी दी।
प्रधान ने बताया कि झारखंड में रांची सहित 14 जिलों को कवर करते हुए नौ भौगोलिक क्षेत्रों में सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क का विकास हो रहा है।
इसमें मिनिमम वर्क प्रोजेक्ट और टेक्नो कमर्शियल वायबिलिटी के अनुसार घरेलू और औद्योगिक ग्राहकों के लिए पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) संबंधी बुनियादी सुविधाओं का निर्माण भी शामिल है।
उन्होंने बताया कि गेल ने रांची में टेक्नो-कमर्शियल वायबिलिटी के अनुसार औद्योगिक कनेक्शन उपलब्ध करवाए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि पीएनजीआरबी के जरिए झारखंड में किसी भी भावी भौगोलिक क्षेत्र की पहचान प्राकृतिक गैस की कनेक्टिविटी डेवलपमेंट के साथ प्राकृतिक गैस की उपलब्धता और तकनीकी-वाणिज्यिक संभाव्यता के आधार पर की जाएगी।
सीएसआर से जनजातीय और पिछड़े समुदाय का हुआ कल्याण
राज्यसभा में सांसद महेश पोद्दार के एक प्रश्न का उत्तर देते हुए भारतीय कारपोरेट कार्य संस्थान (आईआईसीए) के एक अध्ययन के हवाले से कारपोरेट मंत्रालय में राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि खनन क्षेत्र की कंपनियों ने शिक्षा, जीवनयापन और कौशल विकास कार्यक्रमों के क्षेत्रों में शुरू की है।
सीएसआर गतिविधियों से राज्य के जनजातीय और पिछड़े समुदाय का भला हुआ है।
ठाकुर ने बताया कि आईआईसीए ने जनजातीय और पिछड़े क्षेत्रों में 100 कंपनियों ने पिछले तीन वित्तीय वर्षों की अवधि यानी 2014-15 से 2016-17 के दौरान किए गए कारपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) व्यय के प्रभाव पर एक अध्ययन किया था।
इस अध्ययन में झारखण्ड सहित पांच राज्यों के 27 जिलों को कवर किया गया।
इसमें मुख्यतः छह विषयक परियोजना क्षेत्रों जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, जल और स्वच्छता, दीर्घकालीन जीवनयापन, ग्रामीण विकास और वातावरण और संवहनीयता पर ध्यान केन्द्रित किया गया।
उन्होंने बताया कि अध्ययन के निष्कर्षों से पता चला है कि पांच राज्यों को कवर करने वाली 55 सैम्पल कंपनियों में से 12 कंपनियों ने झारखण्ड के जनजातीय क्षेत्रों में शिक्षा, कौशल विकास, घरेलू एवं विद्यालयों में शौचालय निर्माण, स्वच्छ पेयजल के प्रावधान आदि पर सीएसआर गतिविधियां शुरू की।
इसके सकारात्मक परिणाम सामने आये हैं और इन इलाकों में जनजातीय एवं पिछड़े समुदाय के जीवन स्तर में सुधार हुआ है।
पारसनाथ में पर्यटन सुविधाओं का होगा विकास
झारखण्ड के गिरिडीह जिले में स्थित जैन समुदाय के विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल पारसनाथ में भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय की प्रसाद योजना के तहत पर्यटन सुविधाओं का विकास होगा।
महेश पोद्दार के एक प्रश्न का उत्तर देते हुए पर्यटन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रहलाद सिंह पटेल ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि भारत सरकार का पर्यटन मंत्रालय प्रसाद योजना के अंतर्गत संबंधित राज्य सरकारों से उपयुक्त प्रस्ताव तथा विस्तृत परियोजना रिपोर्ट प्राप्त होने पर धार्मिक, तीर्थयात्रा गंतव्य में तीर्थयात्रा अवसंरचना के विकास के लिए केंद्रीय वित्तीय सहायता प्रदान करता है।