रामगढ़: झारखंड से पश्चिम बंगाल तक कोयले की तस्करी अलग-अलग तरीके से होती है। कुछ स्थानों पर डिस्को कोयला खपाया जाता है, तो कुछ स्थानों पर कोयला तस्कर फर्जी बिल के सहारे कोयला बंगाल ले जाते हैं।
फर्जी बिल पर उरीमारी व न्यू बिरसा परियोजना का कोयला बंगाल तक ले जाया जा रहा था।
इस गोरखधंधे का भंडाफोड़ कुजू पुलिस ने शनिवार को किया है।
थाना प्रभारी अजीत कुमार भारती ने बताया कि फर्जी बिल के सहारे कोयला ले जाने के लिए तैयार तीन ट्रकों को जब्त किया गया है। साथ ही तीन तस्करों को पकड़ा भी गया है।
कुज्जु ट्रांसपोर्ट नगर में पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार के निर्देश पर छापेमारी की गई।
यह काला कारोबार स्कॉलशिप कोयला और जेएसएमडीसी के लिंकेज के लिए आवंटित कोयले की हो रही है।
इस अवैध कारोबार में रामगढ़, बिहार, यूपी के कई बड़े बड़े उद्योगपति शामिल हैं। कोयले के कालाबाजारी के इस खेल में जीएम और प्रोजेक्ट ऑफिसर की भूमिका संदेह के घेरे में है।
स्कोलशिप कोयला सरकारी दर पर फैक्टरियों को दिया जाता है, जिसका कंपनियां सिर्फ और सिर्फ अपने काम में इस्तेमाल कर सकती हैं। लेकिन उस कोयले को फैक्ट्री में इस्तेमाल ना कर उसे बाजार में बेचने का काम किया जा रहा है।
जेएसएमडीसी का कोयला है सीसीएल काफी कम रेट पर फैक्ट्रियों को उपलब्ध कराती है।
यह मध्यम दर्जे के प्लांटों को संचालित करने के लिए दिया जाता है।
परंतु उस कोयले की कालाबाज़ारी कर अवैध गोरख धंधा चलाया जा रहा हैं।
फैक्टरियां बंद है फिर भी कोयले का उठाव जारी रहता है। मौके से पकड़ाए तीन लोगों से पुलिस पूछताछ कर रही है।