RANCHI/रांची: Para Teacher Jharkhand स्थायीकरण व वेतनमान को लेकर लंबे समय से संघर्ष कर रहे झारखंड के पारा शिक्षकों ने राज्य सरकार के नो वर्क नो पे को तुगलकी फरमान बताया है और अपने आंदोलन को धार देने में जुट गए हैं।
इस संबंध में एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने 15 मार्च से 19 मार्च तक विधानसभा घेराव का फैसला लिया है, इसकी जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं।
एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने कहा है कि जब तक हमारी मांगों पर कार्रवाई नहीं होती आंदोलन करते रहेंगे। मोर्चा के पदाधिकारियों ने कहा कि पारा शिक्षक बिना डरे जिलावार शेड्यूल के अनुसार घेराव कार्यक्रम में शामिल होंगे।
तमाम पारा शिक्षक 15 मार्च को 10 बजे पुराना विधानसभा मैदान में जमा होंगे और वहां से जुलूस की शक्ल में विधानसभा घेराव करने के लिए प्रस्थान करेंगे।
आकस्मिक अवकाश का आवेदन देकर लड़ेंगे हक की लड़ाई
उन्होंने कहा है कि राज्य परियोजना निदेशक द्वारा जारी पत्र से डरने की आवश्यकता नहीं।
आकस्मिक अवकाश का आवेदन देकर शिक्षक अपने हक की लड़ाई के लिए कूच करेंगे। कहा-झारखंड के पारा शिक्षक एस्मा लगा देंगे, बर्खास्त कर देंगे, पारा शिक्षक के स्थान पर नयी नियुक्ति कर देंगे जैसी गीदड़ भभकी से नहीं डरे तो नो वर्क नो पे के पत्र से कैसे डरेंगे। अतः बिना डरे, घबराए निश्चय पक्का करके इस सरकार में अपना हक पाने के लिए रांची पहुंचें।
मोर्चा ने रांची कूच किया आहवान
राज्य इकाई के साथीगण सभी जिलों के अगुआ साथियों से, जिला इकाई के अगुआ सभी प्रखंडों के अगुआ साथियों से, प्रखंड इकाई के अगुआ सभी संकुलों के अगुआ साथियों से एवं संकुल के अगुआ सभी पारा शिक्षक साथियों से बात कर शेड्यूल के अनुसार समय पर रांची पहुंचने का आग्रह किया है।
साथ ही जिस किसी भी प्रखंड, जिलों में सांगठनिक बैठक नहीं हुई है वहां विधानसभा घेराव के पूर्व बैठक कर रांची कूच करने के कार्यक्रम को अंतिम रूप देने को भी कहा है।
राज्य परियोजना निदेशक का पत्र लोकतांत्रिक अधिकारध्मूल्यों का हनन है, इसके विरोध में राज्य इकाई ने सभी अखबारध्इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में बयान दिया है, आज सभी जिलों के अगुआ भी इसके विरुद्ध बयान जारी करें।
तानाशाही का प्रतीक है सरकार का पत्र
उन्होंने कहा है कि वर्तमान सरकार का ये पत्र हमें तानाशाह रघुवर दास के शासन की याद दिलाता है।
यह घोषणा एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा की राज्य इकाई के सदस्य बिनोद बिहारी महतो, संजय कुमार दुबे, हृषिकेश पाठक, प्रमोद कुमार, दशरथ ठाकुर, मोहन मंडल, प्रद्युम्न कुमार सिंह ;सिंटूद्ध ने की है।